भोपाल, सितंबर 2013/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के युवाओं का आव्हान किया है कि ऊँचा सोचो, बड़े सपने देखो और आगे बढ़ो। ऐसा काम करो कि इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज हो जाय। मध्यप्रदेश सरकार युवाओं के सपने साकार करने और कठिनाइयाँ दूर करने में कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है।

श्री चौहान अपने निवास पर अभूतपूर्व उत्साह के बीच आयोजित अनुसूचित जाति-जनजाति पोस्ट मैट्रिक विद्यार्थी जागृति शिविर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हवा, पानी, जमीन तथा प्राकृतिक संसाधन सबके हैं। मध्यप्रदेश सरकार भी समग्र विकास का लक्ष्य लेकर चली है पर उसका ध्यान सबसे पहले उन पर है जो समृद्धि और विकास की दौड़ में पीछे रह गये हैं।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि निजी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों की निर्धारित संख्या में फीस राज्य सरकार भरेगी। इसी तरह बी.एड., बी.डी.एस., इंजीनियिरिंग डिप्लोमा, नर्सिंग तथा फार्मेसी सहित आठ पाठ्यक्रमों की फीस भी राज्य सरकार भरेगी। विदेश अध्ययन के लिये अनुसूचित जाति-जनजाति के पचास-पचास विद्यार्थियों को राज्य सरकार मदद करेगी। पहले दस-दस विद्यार्थियों को सहायता दी जाती थी। अब अनुसूचित जाति-जनजाति की बालिकाओं को कक्षा ग्यारह में प्रवेश लेने पर नयी साईकिल दी जायेगी। टंट्या भील स्वरोजगार योजना में उद्योग लगाने के लिये अनुसूचित जाति-जनजाति के युवाओं को तीस प्रतिशत अनुदान अधिकतम तीन लाख रुपये दिया जायेगा। ये युवा, मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना का लाभ भी ले सकेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिये निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गई है। विकासखंडों में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल शुरू किये गये हैं। इस वर्ष खुलने वाले तीन नये शासकीय मेडिकल कॉलेज तथा दो नये इंजीनियरिंग कॉलेजों में अजा/जजा विद्यार्थियों को आरक्षण मिलेगा।

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