भोपाल, अगस्‍त 2013/ झमाझम वर्षा से प्रदेश को तनिक राहत मिली है। प्रदेश में फिलहाल नर्मदा का जल-स्तर कहीं भी खतरे के निशान से ऊपर नहीं है। प्रमुख जलाशय भी लबालब होने के बावजूद उच्चतम-स्तर या उच्चतम-स्तर के करीब है। बरगी के 5, तवा के 7, इंदिरा सागर 12, ओंकारेश्वर 13 और राजीव सागर बाँध के 2 गेट खोले गये। जल-स्तर कम हो रहा है। प्रदेश में आज सामान्य औसत वर्षा 7.8 मिलीमीटर के विरुद्ध 3.3 मिलीमीटर दर्ज की गई। राज्य में अब तक 1181.6 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य औसत वर्षा से 62 प्रतिशत अधिक है। इस वर्ष बैतूल में सामान्य से 112 प्रतिशत, जबलपुर और सागर में 109-109 प्रतिशत, इंदौर में 107 प्रतिशत और राजगढ़ में 100 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है।

अति-वृष्टि और बाढ़ से 33 हजार 658 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल क्षति का अनुमान है। फसल क्षति का सर्वेक्षण पूर्ण कर पीड़ितों को शीघ्रातिशीघ्र राहत राशि उपलब्ध करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं। सिवनी जिले में 955 हेक्टेयर, रतलाम में 10 हेक्टेयर, राजगढ़ 3808, होशंगाबाद 4875, अशोकनगर 6792, श्योपुर 2949, नरसिंहपुर 1000 हेक्टेयर, शिवपुरी 1400, मुरैना 11 हजार 600 और छतरपुर जिले में 269 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल क्षति का अनुमान है।

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