भोपाल। राज्य शासन द्वारा गंभीर रूप से पेयजल समस्याग्रस्त नगरों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना क्रियान्वित की जा रही है। योजना के क्रियान्वयन के लिये हुडको ने 1000 करोड़ की ऋण राशि स्वीकृत की है।

मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना में अब तक 37 नगर की 493 करोड़ 21 लाख की योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। इसके अलावा 43 अन्य नगरीय निकाय में 9 अरब 27 करोड़ 24 लाख की पेयजल योजनाएँ प्रस्तावित हैं।

इस योजना में जिन 37 नगर की पेयजल योजनाएँ मंजूर की गयी हैं उनमें एक नगर पालिक निगम, 13 नगर पालिका और 23 नगर परिषद की योजनाएँ शामिल हैं। मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना में नगर पालिक निगम रीवा तथा नगर पालिका रायसेन, मण्डीदीप, गंजबासोदा, शहडोल, बड़नगर, नीमच, अशोक नगर, धार, बड़वानी, झाबुआ, बालाघाट, नरसिंहपुर एवं मण्डला की पेयजल योजना सम्मिलित है। योजनांतर्गत नगर परिषद सुलतानपुर, खिलचीपुर, बाबई, टिमरनी, नौरोजाबाद, गुढ़, टोकखुर्द, उन्हेल, सुवासरा, ताल, भौरासा, करनावद, नामली, खनियाधाना, पंधाना, भीकनगाँव, राजगढ़ (धार), कुक्षी, मुंदी, बदनावर, निवाड़ी, तरीचर कलाँ एवं नगर परिषद डिण्डोरी की पेयजल योजना को भी मंजूरी दी गयी है।

योजना में 50 हजार तक की जनसंख्या वाले शहरों के लिये योजना लागत की 30 प्रतिशत राशि राज्य अनुदान के रूप में संबंधित नगरीय निकाय को दी जाती है। शेष 70 प्रतिशत राशि हुडको से ऋण के रूप में उपलब्ध करवायी जाती है। पचास हजार से अधिक जनसंख्या के शहरों को पेयजल योजना के लिये 20 प्रतिशत राज्य अनुदान तथा 80 प्रतिशत हुडको से ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा। यही नहीं पेयजल योजना के लिये हुडको से लिये गये ऋण की 75 प्रतिशत राशि का भुगतान राज्य शासन करेगा। संबंधित नगरीय निकाय को केवल 25 प्रतिशत ऋण का भुगतान करना होगा।

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