भोपाल, अक्टूबर 2014/ जेण्डर बजट प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिये चिन्हित 25 विभाग में जेण्डर बजट सेल गठित होंगे। यह निर्णय आज अपर मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष जेण्डर बजट निगरानी एवं पर्यवेक्षण राज्य-स्तरीय समिति श्रीमती अरूणा शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में समिति की सदस्य सचिव एवं आयुक्त महिला सशक्तिकतरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव भी उपस्थित थीं।

बैठक में जेण्डर बजट अवधारणा को परिणामोन्मुखी एवं जवाबदेह बनाने के संबंध में चर्चा हुई। यह तय हुआ कि सबसे पहले जेण्डर बजट वाले विभागों में सेल गठित किया जायेगा। यह विभाग गृह, खेल एवं युवक कल्याण, वाणिज्य उद्योग एवं रोजगार, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, सहकारिता, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नगरीय प्रशासन एवं विकास, स्कूल शिक्षा, पंचायत, आदिम-जाति कल्याण, सामाजिक न्याय, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, जल संसाधन, पशुपालन, उच्च शिक्षा, जनशक्ति नियोजन, विमानन, महिला-बाल विकास, ग्रामोद्योग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, ग्रामीण विकास, उद्यानिकी तथा खाद्य प्र-संस्करण, आयुष और विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण विभाग हैं।

प्रक्रिया में सुधार के संबंध में एक नया फार्मेट यू.एन. वूमेन की ओर से प्रस्तुत किया गया। इस फार्मेट के आधार पर सभी संबंधित विभाग को नया बजट बनाने को कहा गया है। यह नया बजट एक अप्रैल 2015 से लागू होगा।

अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा ने जेण्डर बजट के प्रति सम्पूर्ण तंत्र को जवाबदेह बनाने को कहा। उन्होंने प्रत्येक प्रशासनिक प्रतिवेदन में जेण्डर बजट एवं उसके प्रभाव का स्पष्ट रूप से उल्लेख करने के निर्देश दिये। विधानसभा में अलग से प्रस्तुत जेण्डर बजट में भौतिक उपलब्धियाँ का भी उल्लेख करने को कहा। अपर मुख्य सचिव ने प्रशासन अकादमी से जेण्डर बजट के संबंध में बनाये गये प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की समीक्षा कर इसमें सुधार करने को कहा। श्रीमती शर्मा ने राज्य शासन की सेवा में आने वाले अधिकारियों को वित्त संबंधी प्रशिक्षण के साथ ही जेण्डर बजट का भी प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विभाग अब अपनी नई योजनाओं को बनाते समय जेण्डर पक्ष का भी ध्यान रखें, ताकि इसके क्रियान्वयन और परिणाम आने के बाद जानकारी मिल सके कितनी महिला हितग्राही लाभान्वित हुई हैं। उन्होंने सभी विभाग में जेण्डर बजट सेल का गठन करते समय संवेदनशील अधिकारियों का चयन करने एवं उनके क्षमतावर्धन के लिये प्रशिक्षण देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों को दिये जाने वाले प्रशिक्षण में जेण्डर बजट को शामिल करने को कहा।

जेण्डर बजट के प्रभाव का विश्लेषण करवाने के लिये कृषि एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग का चयन किया गया। इन दोनों विभाग की योजना के जरिये महिलाओं को मिले लाभ का आकलन किया जायेगा। बैठक में यू.एन. वूमेन की प्रतिनिधि सुश्री भूमिका झा सहित योजना एवं वित्त विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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