भोपाल, जनवरी 2013/ मध्यप्रदेश के 15 जिलों में लागू सबला योजना का लाभ 17 लाख 32 हजार 698 किशोरी बालिकाओं को मिल रहा है। योजना में 11 से 18 वर्ष तक की किशोरी बालिकाओं का पोषण, स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाकर तथा कौशल उन्नयन द्वारा सशक्तिकरण किया जा रहा है।

प्रदेश में 98 समेकित बाल विकास परियोजनाओं के 1554 सेक्टर के 33 हजार 557 आँगनवाड़ी केन्द्र में पहुँचने वाली किशोरी बालिकाएँ सबला योजना से सीधे लाभान्वित हो रही हैं। आँगनवाड़ी केन्द्र पर 25 किशोरी बालिकाओं का किशोरी समूह गठित कर उनमें से एक सखी और दो सहेली का चयन कर उन्हें स्वास्थ्य, पोषण एवं जीवन कौशल संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सोलह से अठारह वर्ष की बालिकाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

पोषण आहार स्तर में सुधार लाने के लिये आँगनवाड़ी केन्द्रों में तैनात अमले के जरिए 11 से 14 वर्ष तक की 2 लाख 80 हजार 22 तथा 14 से 18 वर्ष की 14 लाख 52 हजार 676 किशोरी बालिकाओं को टेक-होम राशन दिया जा रहा है। गत तीन माह के दौरान इनमें से 7 लाख 62 हजार 464 बालिकाओं को आवश्यकता के अनुसार आयरन, फोलिक एसिड की गोलियाँ वितरित की गईं। इसी तरह 7 लाख 40 हजार 540 किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य की जाँच भी हुई। पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा के परामर्श सत्रों में 9 लाख 1,428 बालिकाओं की उपस्थिति दर्ज हो रही है। परिवार कल्याण एवं शिशु देखभाल के सत्रों में 5 लाख 87 हजार 994 किशोरी बालिकाओं की उपस्थिति दर्ज हुई है। इसी प्रकार जीवन-कौशल शिक्षा परामर्श के सत्र में 2 लाख 97 हजार 756 किशोरी बालिकाओं ने भाग लिया। डाकघर, पुलिस स्टेशन, बैंक जैसे सार्वजनिक सेवाएँ उपलब्ध करवाने वाले कार्यालयों का 32 हजार 630 बालिकाओं को भ्रमण करवाया गया।

किशोरी बालिकाओं के सशक्तिकरण की इस योजना में 16 से 18 वर्ष तक की 5 हजार 820 बालिकाओं ने व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। योजना में पिछले तीन माह (अक्टूबर-दिसम्बर) में हुए परामर्श सत्र की संख्या 35 हजार 464 रही। योजना में 2 लाख 25 हजार 104 किशोरी समूह गठित हुए। गत तीन माह में 93 हजार 856 सखी-सहेलियों को प्रशिक्षित किया गया।

योजना में शामिल पन्द्रह जिलों के 46 हजार 465 आँगनवाड़ी केन्द्र में सबला किट्स उपलब्ध करवाये गये। इन जिलों के 25 हजार 86 आँगनवाड़ी केन्द्र में ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति की बैठकों में सबला से संबंधित बिन्दुओं पर चर्चा की गई। इन जिलों के 17 हजार 542 ग्राम में निगरानी एवं पर्यवेक्षण समिति की बैठक हुईं। लगभग 46 हजार आँगनवाड़ी केन्द्र में पिछले तीन माह के दौरान किशोरी बालिका दिवस का आयोजन भी किया गया।

योजना में शामिल 15 जिले

श्योपुर, राजगढ़, सीधी, नीमच, झाबुआ, टीकमगढ़, रीवा, भिण्ड, दमोह, इंदौर, सागर, जबलपुर, भोपाल, बैतूल, बालाघाट

योजना का उद्देश्य

  • किशोरी बालिकाओं का सशक्तिकरण।
  • पोषण, स्वास्थ्य के स्तर में वृद्धि।
  • स्वास्थ्य, स्वच्छता, प्रजनन एवं यौन शिक्षा, परिवार तथा शिशु रक्षा के संबंध में जागरूकता।
  • किशोरी बालिकाओं का कौशल उन्नयन।
  • शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को शिक्षा।
  • स्व-रोजगार संबंधित सलाह।

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