भोपाल, जुलाई 2013/ राज्य शासन ने मध्यप्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा की जा रही हड़ताल को कदाचरण मानते हुए हड़ताल अवधि में अनुपस्थित शासकीय सेवकों के विरुद्व अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही है।

राज्य शासन ने समस्त कलेक्टर्स और कमिश्नर्स को इस हड़ताल के संबंध में ’शासन के स्थायी निर्देशों से अवगत कराया है। सामान्य प्रशासन विभाग के पूर्व में जारी परिपत्र एवं मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 का हवाला देते हुए निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। हड़ताल पर गए कर्मचारियों की अनुपस्थिति अनाधिकृत मानी जाएगी और कर्मचारियों को हड़ताल अवधि का वेतन देय नहीं होगा।

मध्यप्रदेश शासन के अधिकारी-कर्मचारियों को सरकार द्वारा दिए गए सभी लाभ लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को प्राप्त हुए हैं अपितु उनकी वेतन विसंगतियों के निराकरण की मांग शेष है जिस पर शासन ने 5 सदस्यीय समिति गठित कर दी है। यह समिति एक माह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

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