भोपाल। राज्य शासन ने ऐसे पट्टेदारों के विरुद्ध, जिन्होंने नियमों के उल्लंघन में खदान शिथिल बनाये रखी है, उनका पट्टा लेप्स घोषित करने की तत्काल विधिवत कार्यवाही करने के निर्देश जिला कलेक्टर को दिये हैं। इससे अन्य इच्छुक व्यक्तियों को खनन के लिये अवसर मिल सकेगा। साथ ही त्रैमास माह सितम्बर तक की जानकारी माह अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से भेजने को कहा गया है।
इस संबंध में नियम का हवाला देते हुए अवगत करवाया गया है कि समुचित तथा त्वरित कार्यवाही के प्रावधान खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम-1957 की धारा-4-ए (4) तथा खनि-रियायत नियम-1960 के नियम-28 एवं मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम-1996 के नियम-30 (6) में पूर्व से ही है। इस संबंध में आवश्यकता बताई गई है कि इन प्रावधानों का समुचित पालन सुनिश्चित करते हुए शिथिल खदान के पट्टों को लेप्स घोषित किया जाये, ताकि अन्य इच्छुक व्यक्तियों को नियमानुसार खनन के लिये अवसर मिल सके।
निर्देश में कहा गया है कि जिन प्रकरण में शासन स्तर से निर्णय होना है, उनमें समुचित प्रस्ताव एक माह की अवधि में शासन को विशेष वाहक के माध्यम से उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाये। जिला कलेक्टर को निर्धारित प्रपत्र में त्रैमासिक जानकारी संचालक, भौमिकी तथा खनि-कर्म को भेजने को भी कहा गया है। संचालक भौमिकी को जिलों से प्राप्त जानकारी एकजाई कर प्रत्येक त्रैमास की 10 तारीख तक अनिवार्य रूप से शासन को भेजने को कहा गया।