भोपाल, सितंबर 2013/ लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से यहाँ मध्यप्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ की चर्चा हुई। चर्चा के दौरान 5 बिन्दुओं पर निर्णय लिये गये। वेतन विसंगति पर सौ प्रतिशत सहमति न बन पाने के कारण चर्चा अभी किसी निर्णय पर नहीं पहुँची है। चिकित्सा अधिकारी संघ की आपस में सहमति नहीं बनने से वे चार श्रेणी वेतनमान की चतुर्थ श्रेणी की माँग को सौ प्रतिशत बढ़ाकर निर्णय में सम्मिलित करने की माँग पर अड़े हैं। चर्चा में प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भी उपस्थित थे।
लोक स्वास्थ्य मंत्री एवं प्रमुख सचिव और मध्यप्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के मध्य चर्चा उपरांत जो निर्णय लिये गये, उनके अनुसार वेतन विसंगति का निराकरण करने के संबंध में समस्त श्रेणियों के संघ के प्रस्ताव को मंत्रि-परिषद् के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। विभाग राज्य मंत्रि-परिषद् द्वारा पारित आदेश का पालन करेगा। निजी प्रेक्टिस के संबंध में कहा गया है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग में निजी प्रेक्टिस के जो मापदण्ड तय हैं, उन्हें स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के लिये भी लागू किये जाने के लिये एक समिति, जिसमें मध्यप्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के 3 सदस्य मनोनीत किये जायेंगे, विचार कर प्रमुख सचिव को प्रस्ताव देंगे। निलम्बित चिकित्सकों को उनके गुण-दोष के आधार पर सहानुभूतिपूर्वक शीघ्र विचार कर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी। संघ विभाग द्वारा संचालित सम्पूर्ण प्रदेश के, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य एवं सम्पूर्ण राज्य को स्वस्थ बनाने के लिये कटिबद्ध रहेगा। संघ के सभी चिकित्सक पूर्ण समर्पण एवं विभाग की बेहतरी के लिये कार्य करने को संकल्पित रहेंगे। चिकित्सकों की समस्याओं के निराकरण के लिये आयुक्त लोक स्वास्थ्य की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जा रही है, जिसमें संघ के अध्यक्ष, महासचिव एवं संरक्षक सदस्य सम्मिलित होंगे। यह समिति प्रत्येक माह के प्रथम सोमवार को बैठक करेगी तथा प्रमुख सचिव को निर्णय तथा प्रगति से अवगत करायेगी।