भोपाल, जुलाई 2014/ मध्यप्रदेश में अनाज के सुरक्षित भण्डारण में सायलो बेग के उपयोग के लिये नई दिल्ली में रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री कुँवर विजय शाह को अवार्ड प्रदान किया। इस मौके पर केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री निहालचंद भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पिछले वर्षों में समर्थन मूल्य पर गेहूँ की भारी मात्रा में खरीदी के दौरान जूट के बारदानों की कमी की वजह से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पहल पर सायलो बेग में गेहूँ के सुरक्षित भंडारण किये जाने की यह अभिनव पहल की गई थी।

अवार्ड स्वरूप एक लाख रुपये एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया। इस मौके पर एम.पी. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक अरूण पाण्डे एवं कार्पोरेशन के महाप्रबंधक उमाशंकर पाण्डे भी मौजूद थे।

केन्द्रीय मंत्री ने देश में पर्यावरण को नुकसान पहुँचाये बगैर ग्रीन प्लास्टिक रिवेल्यूशन का आव्हान किया। कहा कि कृषि के क्षेत्र में प्लास्टिक का इस तरह उपयोग हो, जो ईको फ्रेण्डली हो। अनाज भण्डारण में सायलो बेग के उपयोग वाले पहले प्रदेश मध्यप्रदेश को यह अवार्ड रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के चौथे नेशनल अवार्ड कार्यक्रम में प्रदान किया गया। यह अवार्ड सायलो बेग में अनाज के सुरक्षित भण्डारण की श्रेणी में दिया गया है।

मध्यप्रदेश में अनाज भण्डारण में सायलो बेग का उपयोग 2012-13 में प्रारंभ हुआ। इस वर्ष होशंगाबाद के बाबई और रायसेन जिले के गौहरगंज में 20 हजार 677 मीट्रिक टन गेहूँ का भण्डारण किया गया। इसके बाद वर्ष 2013-14 में एक लाख 31 हजार मीट्रिक टन और वर्ष 2014-15 में 2 लाख 78 हजार अनाज का सुरक्षित भण्डारण सायलो बेग में किया गया। प्रदेश में सायलो बेग में भण्डारण के लिये निजी क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित किया गया। मध्यप्रदेश को भण्डारण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य एवं राज्य में सायलो बेग में सुरक्षित भण्डारण के नवाचार में इण्डियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा मार्च 2013 को बेस्ट इनोवेटिव स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन ऑफ द इयर अवार्ड से भी पुरस्कृत किया जा चुका है।

सायलो बेग एक प्लास्टिक का बड़ा बेग होता है, जिसमें खुले अनाज को मशीन द्वारा खींचते हुए भण्डारण किया जाता है। सायलो बेग की क्षमता लगभग 2000 मीट्रिक टन होती है, जो लगभग 140 फुट लम्बा होता है। इसे आवश्यकतानुसार कम किया जा सकता है। सायलो बेग में आक्सीजन गैस को मशीन द्वारा निकालकर कार्बन डाईआक्साइड गैस को प्रवाह करते हुए कीटों पर नियंत्रण किया जाता है। सायलो बेग में औसतन दो वर्ष तक सुरक्षित रूप से अनाज का भण्डारण किया जा सकता है।

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