सागर, जून 2013/ बुंदेलखण्ड अंचल के सागर जिले में नवाचार के अंतर्गत लगभग 300 एकड़ क्षेत्र में 600 स्व-सहायता समूहों के सदस्यों के साथ हल्दी उत्पादन का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम हाथ में लिया गया है। बुंदेलखण्ड क्षेत्र की जलवायु को हल्दी की पैदावार के लिए मुफीद़ पाया गया है। जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना (डी.पी.आई.पी.) द्वारा यह पहल की गई है। इसके लिए स्व-सहायता समूह सदस्यों को पहले महाराष्ट्र के सांगली में एक्सपोजर भ्रमण करवाया गया तथा बैंक लिंकेज से लगभग 7 लाख रुपये की लागत से हल्दी की प्रोसेसिंग यूनिट, पॉलिशर एवं बंड फार्मर खरीदा गया है। परियोजना के प्रयासों से सागर जिले के खरखरी गाँव में गठित बीज उत्पादक स्वायत्त सहकारी समिति द्वारा हल्दी उत्पादन के लिए अग्रणी कार्य किया गया है।
डी.पी.आई.पी. सागर के जिला परियोजना प्रबंधक हरीश दुबे ने बताया कि हल्दी उत्पादन के लिए बनाई गई कार्ययोजना के जरिये सागर जिले के देवरी, केसली, टड़ा, महाराजपुर एवं बरौदा सागर संकुल के 25 गाँव में उत्पादक समूहों के साथ क्लस्टर विकास के अंतर्गत हल्दी उत्पादन का कार्य प्रारम्भ किया गया है।
स्व-सहायता समूहों द्वारा प्रोसेस्ड हल्दी को पीसकर पेकिंग कर विंध्या वेली को विक्रय करने के लिए भी आवश्यक प्रक्रिया जारी है।