देवास, 2 जूनः त्रिलोक गृह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष तथा संचालकों ने संस्था सदस्यों की जमा राशि हुडको में नही जमा कराते हुए तुलजा मक्सी शीतगृह को वर्ष 2001 से 2003 के मध्य किश्तों में 15 लाख रूपये उधार दे दिये तथा 7 वर्ष बाद वर्ष 2009 में उक्त राशि वापस गृह निर्माण संस्था में जमा करा दी गई।
वर्ष 2009-2010 के आडिट में संस्था संचालकों की अनियमितता प्रकाश में आने पर मध्यप्रदेश सहकारी संस्थाएं अधिनियम 1960 की धारा 58 बी के अन्तर्गत प्रकरण तैयार कर न्यायालय उप पंजीयक के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
साक्ष्यों, दस्तावेजों एवं गवाहों के कथन अनुसार श्री टीपी तिवारी, नीला तिवारी, अनिता वर्मा, महेश मिश्रा, विश्रामसिंह तोमर, स्टेन्सालास विक्टर, सत्यनारायण सोनी, इन्द्रपाल सिंह भदोरिया एवं बालाराम यादव के विरूद्ध आरोप प्रमाणित पाये गये। न्यायालय ने यह निष्कर्ष निकाला कि संस्था का संचित धन बिना किसी उद्देश्य के अन्य संस्था शीतगृह को देकर 13,18,832 रूपये ब्याज की आर्थिक हानि पहुँचाई।
संस्था द्वारा हुडको को किश्त अदा करने में व्यवधान हुआ। सदस्यों की राशि का गलत विनियोजन हुआ। बिना बिल, नगद वकील फीस का भुगतान कर जनवरी से मार्च 2010 तक 2.78 लाख रूपये का अनियमित व्यय करने के लिए संचालक दोषी है। तीन किश्तों में अधिकतम 6 माह में 12 प्रतिशत ब्याज सहित राशि जमा कराने का आदेश न्यायालय द्वारा दिया गया।