भोपाल, मार्च 2015/ राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल, स्वच्छता एवं जागरूकता सप्ताह में 16 से 22 मार्च तक मध्यप्रदेश की शालाओं में विभिन्न गतिविधि की जायेंगी। सप्ताह के संबंध में गतिविधियों के संचालन के लिये सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये गये हैं।
सप्ताह के दौरान शालाओं में पेयजल की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिये उसके स्रोत का परीक्षण किया जायेगा। परीक्षण की जाँच रिपोर्ट प्रधानाध्यापक को उपलब्ध करवाई जायेगी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के समन्वय से यह कार्यवाही होगी। शाला में पेयजल की शुद्धता सुनिश्चित करते हुए पेयजल विद्यार्थियों की पहुँच में रखने तथा उसका संधारण सही तरीके से किया जायेगा। शाला की चाइल्ड केबिनेट द्वारा जागरूकता सप्ताह के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता की मॉनीटरिंग, मध्यान्ह भोजन के पहले साबुन से हाथ धुलवाने की गतिविधि और पेयजल स्रोत के आसपास की सफाई, शिक्षकों की उपस्थिति में की जायेगी। विद्यार्थियों द्वारा शौचालय पर स्वच्छता के संदेश भी लिखे जायेंगे।
स्वच्छ भारत मिशन में संचालित किये जाने वाले स्वच्छता दस्तक अभियान में गतिविधियों के संचालन के संबंध में अलग से निर्देश जारी किये गये हैं। इसमें माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों की सहभागिता से स्वच्छता रैली होगी। रैली में विद्यार्थियों का समय 45 मिनट से अधिक नहीं लगे, इसका ध्यान रखा जायेगा। खुले में शौच की प्रथा से मुक्ति के लिये अपने घर पर शौचालय के निर्माण, सुधार एवं उपयोग को बढ़ावा देने, विद्यार्थियों के जरिये घरों में स्टीकर लगवाया जायेगा। विद्यार्थियों द्वारा समुदाय में स्वच्छता की स्थिति का संकलन कर प्रधानाध्यापक एवं ग्राम पंचायत के सचिव को दी जायेगी।
अभियान में 16 मार्च को स्टीकर के प्रकार एवं उसके रंग का मतलब विद्यार्थियों को समझाया जायेगा। अंत में विद्यार्थियों से पूछा जायेगा कि उनके घर में कौन से रंग का स्टीकर लगा है। विद्यार्थियों को घर में शौचालय निर्माण, सुधार एवं उपयोग के संबंध में उनके परिवार में की जाने वाली चर्चा के बारे में बताया जायेगा। स्वच्छता के स्टीकर ग्राम पंचायत से प्राप्त किये जा सकेंगे। इसके अलावा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग और स्वच्छ भारत अभियान की गतिविधियों के शाला-स्तर पर संचालन में जरूरी सहयोग देने के निर्देश कलेक्टर्स को दिये हैं। सभी गतिविधियों का प्रतिवेदन तैयार कर राज्य शिक्षा केन्द्र को भेजा जायेगा।