भोपाल, सितम्बर 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शहरी अधोसंरचना को मजबूत करने के लिये 12 हजार करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। उन्होंने रियल स्टेट क्षेत्र का आव्हान किया कि गरीबों के लिये आवास बनाने में वे राज्य सरकार का सहयोग करें। शहरों के विकास के साथ मानवता और पर्यावरण का भी संरक्षण होना चाहिये।
पश्चिम आधारित विकास मॉडल को अपनाने से कई विसंगतियाँ सामने आई हैं। विकास का मॉडल भारतीय संस्कृति के अनुरूप होना चाहिये। शहरों का विकास करते समय शहर की संस्कृति और पहचान को ध्यान में रखना चाहिए।
श्री चौहान ने कहा कि अगले तीन साल में गांव में रहने वाले गरीबों के लिये दस लाख और शहरी गरीबों के लिये पाँच लाख आवास बनाये जायेंगे। ऐसी नीति बनाने पर विचार किया जा रहा है जिससे हर गरीब के पास कम से कम मकान बनाने लायक जमीन हो। यह कार्य चुनौतीपूर्ण है, इसमें निजी क्षेत्र के सहयोग की जरूरत होगी। शहरों में ऊंची इमारतों के निर्माण के लिये भी उपयुक्त नीति बनायी जायेगी। भवन निर्माताओं की सुविधाओं के लिये एकल खिड़की प्रणाली को और प्रभावी बनाया जायेगा। कलेक्टर रेट के संबध में गाइड लाइन पर भी विचार किया जायेगा।