नई दिल्ली / राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर मध्यप्रदेश सरकार को माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण कल्याण अधिनियम-2007 के क्रियान्वयन तथा वरिष्ठ नागरिकों को सेवाएँ एवं सुविधाएँ प्रदान करने का सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार प्रदान किया। राज्य शासन की ओर से यह पुरस्कार सामाजिक न्याय विभाग के सचिव वी.के. बॉथम ने प्राप्त किया। कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया। केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री कुमारी शैलजा भी उपस्थित थीं।
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम-2007 के क्रियान्वयन के लिये मध्यप्रदेश में 2009 में नियम बनाकर इसे लागू किया गया। इसके लिये एस.डी.एम. की अध्यक्षता में पूरे प्रदेश में 352 उपखण्ड अधिकरण और कलेक्टर की अध्यक्षता में 50 अपीली अधिकरण जिलों में बनाये गये। अधिनियम के प्रभावी होने के बाद पूरे प्रदेश में 271 प्रकरण दर्ज कर 128 प्रकरण को निराकृत किया गया। इसी के साथ मध्यप्रदेश में वृद्धाश्रम संचालित किये जा रहे हैं। बुजुर्गों को शतायु होने पर 1000 रुपये और शाल-श्रीफल देकर सम्मानित किया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी मुख्यमंत्री निवास पर वरिष्ठजन महा-पंचायत बुलाकर बुजुर्गों के प्रति सरकार का नजरिया स्पष्ट किया गया। वृद्धावस्था में बुजुर्गों की देखभाल और भरण-पोषण न करने पर प्रदेश में अब सख्त कार्यवाही होगी। इस कानून में 10 हजार रुपये तक का भरण-पोषण भत्ता बुजुर्गों को देना पड़ सकता है, वहीं 3 माह तक के कारावास की सजा का प्रावधान है।