भोपाल। मध्यप्रदेश में चालू माली साल में विशेष पोषण आहार योजना पर 1104 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य शासन ने योजनावार प्रत्येक त्रैमास के लिए राशि का निर्धारण किया है। निर्धारित राशि को नये त्रैमास में व्यय करने को कहा गया हैं।
विशेष पोषण आहार योजना के लिए प्रत्येक त्रैमास में 276-276 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। लाड़ली लक्ष्मी योजना पर राज्य सरकार इस साल 584 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पहले त्रैमास (अप्रैल-जून) में 130 करोड़ की राशि योजना पर व्यय की गई है। हाल में बीते दूसरे त्रैमास (जुलाई-सितम्बर) में 145 करोड़ की राशि रखी गई है। इसी तरह तीसरे त्रैमास पर भी 145 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है। चौथे त्रैमास (जनवरी-मार्च) पर 164 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है।
किशोरी बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए 15 जिलों में चल रही सबला योजना के लिए इस साल के बजट में 100 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। योजनावार प्रत्येक त्रैमास में 25-25 करोड़ रुपये व्यय किये जा रहे हैं। लगभग डेढ़ लाख आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को दिए जाने वाले अतिरिक्त मानदेय के लिए 150 करोड़ 40 लाख रुपये का प्रावधान चालू साल के बजट में किया गया है। इसमें से पहले एवं दूसरे त्रैमास प्रत्येक पर 35 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च किये गए हैं। चालू तीसरे त्रैमास में 39 करोड़ 7 लाख की राशि का भुगतान किया जाएगा। इतनी ही राशि का भुगतान चौथे त्रैमास में भी होगा।
इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना के लिए उपलब्ध करवाई गई 21 करोड़ की राशि में से पहले और दूसरे त्रैमास पर क्रमशः 4 करोड़ 73 लाख रुपये और 5 करोड़ 59 लाख की राशि व्यय की गई है। चालू तीसरे त्रैमास में भी 5 करोड़ 59 लाख की राशि व्यय की जा रही है। अंतिम चौथे त्रैमास में 5 करोड़ 16 लाख रुपये व्यय होंगे।
समेकित बालक संरक्षण योजना के क्रियान्वयन के अंतर्गत चालू साल के दौरान विभिन्न पदों पर नियुक्तियाँ की जाएगी। इसके लिए महिला-बाल विकास विभाग के बजट में 3 करोड़ 8 लाख रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है। तीसरे और चौथे त्रैमास प्रत्येक में एक करोड़ 54 लाख रुपये व्यय किये जायेंगे। विभागीय बजट में महिला डेस्क के लिए 6 लाख की राशि रखी गई है। दूसरे, तीसरे और चौथे त्रैमास पर 2-2 लाख की राशि का प्रावधान उपलब्ध करवाया गया है। दूसरे त्रैमास की राशि व्यय की जा चुकी है।