भोपाल, मई 2013/ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बाल-विवाह रोकने की दिशा में उठाये गये सख्त कदमों के कारण कम उम्र के अनेक बच्चों को विवाह मण्डप में जाने से रोका गया। इस साल अक्षय-तृतीया के आसपास होने वाले विवाहों तथा सामूहिक विवाह सम्मेलनों पर शासन-प्रशासन द्वारा पैनी नजर रखने के फलस्वरूप विभिन्न जिलों में 219 बाल-विवाह सम्पन्न नहीं हो सके। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा विगत फरवरी से बाल-विवाह रोकने के लिये लागू लाड़ो अभियान कारगर साबित हुआ है।

महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती रंजना बघेल ने बाल-विवाह होने से रोकने के विभागीय अमले के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन की सख्ती और समाज की जागरूकता के कारण ही बड़ी संख्या में बाल-विवाह को होने से रोका गया।

लाड़ो अभियान के तहत सभी जिलों में कार्य-योजना अनुसार व्यापक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। जिला प्रशासन ने महिला-बाल विकास के अमले के सहयोग तथा स्वैच्छिक संगठनों, जन-प्रतिनिधियों, धर्म-गुरुओं की मदद से इस मुहिम को लगातार सफलता दिलवाई। अनेक जिलों में बाल-विवाह रुकवाने के लिये पुलिस की भी मदद ली गई। बाल-विवाह रोकने के लिये सरकार द्वारा उठाये गये ऐहतियाती कदमों तथा इसके दुष्परिणामों के किये गये व्यापक प्रचार-प्रसार का भी जन-मानस पर अच्छा असर हुआ। जहाँ-जहाँ से बाल-विवाह होने की सूचना विभागीय अमले को मिली है, वहाँ-वहाँ तत्परता पूर्वक कार्यवाही कर बाल-विवाह होने से रोके गये। अनेक स्थानों पर अभिभावकों को समझाइश भी दी गई। उन्हें बाल-विवाह विरोधी कानून की जानकारी देकर बाल-विवाह न करवाने की हिदायत भी प्रभावी सिद्ध हुई।

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