भोपाल, मार्च 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि शेष बचे वन अधिकार-पत्रों के वितरण का कार्य जून 2015 तक पूरा कर लिया जाये। श्री चौहान की अध्यक्षता में हुई आदिम-जाति मंत्रणा परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि आदिम-जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों के अँग्रेजी, गणित और विज्ञान के शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा अन्य किसी कार्य में नहीं लगाया जायेगा।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के भूमि स्वामी की भूमि पर लगे वृक्षों की कटाई के नियमों को सरल कर व्यवहारिक बनाया जाये। एक वर्ष में काटे जाने वाले वृक्षों की कीमत की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रूपये की जाये। उन्होंने निजी भूमि पर आरक्षित वनों, राजस्व ग्राम और वन ग्राम संबंधी प्रकरणों को समय-सीमा में हल करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में मुख्य सचिव के निर्देशन में वन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर व्यवहारिक समय-सीमा निर्धारित कर कार्रवाई करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने आरक्षित पदों पर उम्मीदवारों की अनुपलब्धता के कारण रिक्त पदों पर उम्मीदवार उपलब्ध होने तक शिक्षण कार्य की वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में विचार कर प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने आरक्षित पदों को भरने भर्ती अभियान को तेज गति से चलाने के निर्देश दिए। श्री चौहान ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसलों के किसानों के बीच वे स्वयं जायेंगे। सरकार किसानों के लिए बेहतर से बेहतर मदद के प्रयास कर रही है।

बैठक में आदिम-जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण, घुमकक्ड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण मंत्री अंतर सिंह आर्य एवं परिषद के सदस्य विधायक सर्वश्री बैल सिंह भूरिया, नागर सिंह चौहान, राजेन्द्र दादू, चंपालाल देवड़ा, सज्जन सिंह उइके, रामप्यारे कुलस्ते, पंडित सिंह धुर्वे, ओमप्रकाश धुर्वे, जयसिंह मरावी, श्रीमती प्रमिला सिंह और श्रीमती नंदिनी मरावी उपस्थित थी।

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