भोपाल, अप्रैल 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ समाधान ऑनलाइन के माध्यम से शिकायतकर्ताओं के प्रकरणों का निराकरण करते हुये लापरवाह और अनावश्यक विलंब के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये।

सागर जिले के श्री सोमवती अहिरवार द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना में समय पर पंजीयन नहीं कराने के कारण मुख्यमंत्री ने सागर संभागायुक्त को इस संबंध में जाँच कर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने संभागायुक्तों और कलेक्टरों से चर्चा करते हुये कहा कि आम नागरिकों को लाभ पहुँचाने वाली योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

उमरिया जिले की शिकायतकर्ता श्रीमती भगवती रजक ने मुख्यमंत्री को बताया कि कृषि कार्य करने के दौरान उनके पति की मृत्यु हो गयी लेकिन मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना में पात्र होने के बावजूद उन्हें आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री ने इसे अमानवीय बताते हुये विलम्ब के लिये जिम्मेदार संबंधित नायब तहसीलदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिये। उन्होंने श्रीमती रजक को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से तत्काल 50 हजार रूपये की सहायता भी स्वीकृत की। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि वे ऐसे प्रकरणों की गंभीरता से समीक्षा करें जिनमें निचले स्तर पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही से अनावश्यक विलम्ब होता है।

दमोह जिले के श्री अभिषेक साहू द्वारा सन्निर्माण कर्मकार मंडल की सुपर 500 योजना के अन्तर्गत छात्रवृत्ति देने में विलम्ब होने को गंभीरता से लेते हुये मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से इस प्रकरण में जाँच करने के निर्देश देते हुये संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिये। उन्होंने श्री अभिषेक साहू की पढ़ाई के लिये तत्काल 35 हजार की सहायता राशि प्रदान की और उसे पूरी लगन के साथ पढ़ाई जारी रखने के लिये प्रेरित किया। श्री अभिषेक साहू के पिता श्रमिक हैं और उसने 10वीं कक्षा में 95 प्रतिशत नम्बर प्राप्त किये हैं और 12वी की परीक्षा दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार श्रमिक कल्याण कार्ड जारी हो जाने के बाद योजनाओं के लाभ के लिये बार-बार पात्रता का सत्यापन करना उचित नहीं है। यह नकारात्मक दृष्टिकोण है।

मुख्यमंत्री ने टीकमगढ़ के श्री लल्लू ढीमर को कन्या विवाह सहायता राशि मिलने में विलम्ब होने को गंभीरता से लेते हुये संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये। शाजापुर के श्री मुकेश गेहलोत ने शिकायत की है कि ओलावृष्टि में पशु हानि की मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने लापरवाही के लिये संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि वे स्वयं जिलों का दौरा करेंगे और जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों की समीक्षा करेंगे।

श्योपुर के श्री कनीराम पांचाल ने दीनबंधु योजना का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुये संबंधित अधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिये। शिवपुरी के श्री उमेश शर्मा ने 2011 में झाबुआ जिले के तत्कालीन जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश से जनपद पंचायतों और ग्राम पंचायतों के मकानों में मकान नम्बर प्लेट लगाने का काम किया, जबकि वे कार्यादेश देने और कार्य के भुगतान के आदेश देने के अधिकृत नहीं थे। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से इस संबंध में जाँच कर झाबुआ जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये।

फसल हानि सर्वेक्षण की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से ओला वृष्टि और अति वृष्टि से हुये फसल नुकसान की सर्वे रिपोर्ट के संबंध में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कलेक्टरों को बधाई दी कि सर्वेक्षण का काम व्यवस्थित रूप से हुआ है और किसानों में भी किसी प्रकार का असंतोष नही है। राहत वितरण का कार्य भी जल्दी शुरू हो जायेगा। मुख्यमंत्री ने किसानों के प्रभावित परिवारों के नाम समग्र डाटा बेस में जुड़वाने के भी निर्देश दिये ताकि उन्हें एक रूपये किलो गेहूँ, चावल, मिट्टी का तेल और शक्कर उपलब्ध करवाने में आसानी हो सके। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत सूचना-पत्र वितरण के लिये जिलों के प्रभारी मंत्रियों के नेतृत्व में कार्यक्रम करने के निर्देश दिये। राहत की राशि किसानों के खाते में जमा हो जायेगी।

गेहूँ खरीदी

मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा औसत गुणवत्ता में 40 प्रतिशत तक और टूटे और छोटे दानों में 10 प्रतिशत तक की छूट दी गयी है। इसलिये किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाये। उन्होंने बताया कि औसत गुणवत्ता का गेहूँ सार्वजनिक वितरण प्रणाली में उपयोग में आयेगा क्योंकि इसकी गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी नहीं है। उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड को भी निर्देश दिये कि किसानों से गेहूँ नहीं खरीदने का कोई कारण नहीं है। पूरी संवेदनशीलता के साथ हर दाना खरीदा जाये। गेहूँ खरीदी और भंडारण में मध्यप्रदेश ने देश में नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं खरीदी केन्द्रों में व्यवस्थाओं का जायजा लेने जायेंगे।

मिशन इन्द्रधनुष

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से संपूर्ण टीकाकरण के लिये शुरू की गई मध्यप्रदेश मिशन इंद्रधनुष की चर्चा करते हुये कहा कि देश के चुनिंदा 201 जिलों में प्रदेश के 15 जिले शामिल हैं जहाँ दो साल के बच्चों और माताओं के टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। श्री चौहान ने कहा कि टीकाकरण के महत्व को देखते हुये और बच्चों के जीवन की सुरक्षा के लिये मिशन इंद्रधनुष को सभी जिलों में लागू किया गया है। जिलों के प्रभारी मंत्री इस कार्यक्रम में भाग लेंगे और टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरूक बनायेंगे।

सी.एम. हेल्पलाइन-181

श्री चौहान ने कलेक्टरों से सी.एम.हेल्पलाइन-181 को और अधिक प्रभावी बनाने के संबंध में चर्चा करते हुये कहा कि शिकायत निवारण के इस अनूठे और नवाचारी तंत्र पर विशेष निगरानी रखने की आवश्यकता है। कलेक्टरों के स्तर पर शिकायतों का लंबित रहना किसी भी तरह से उचित नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के संबंधी शिकायतों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुये कहा कि सी.एम. हेल्पलाइन – 181 भ्रष्टाचार के विरूद्ध एक अभियान है। उन्होंने मंडला, उज्जैन, अलीराजपुर, पन्ना, श्योपुर, दतिया, बुरहानपुर और सीहोर जिलों के कलेक्टरों की भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों के प्रभावी निराकरण के लिये सराहना की। उन्होंने कहा कि सी.एम. हेल्पलाइन – 181 में आई शिकायतों के निराकरण की समीक्षा हर माह समाधान ऑनलाइन के साथ होगी। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिये कि वे ऐसे अधिकारियों की पहचान करें जो शिकायतों के निराकरण के प्रति संवेदनशील नहीं है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी।

अवैध शराब पर सख्ती से रोक लगायें

कानून और व्यवस्था के संबंध में पुलिस अधीक्षकों से चर्चा करते हुये मुख्यमंत्री ने अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अवैध शराब और असामाजिक तत्वों के विरूद्ध अभियान चलायें। यदि जिलों से नागरिकों द्वारा इस संबंध में शिकायतें मिलती हैं तो पुलिस अधीक्षकों को जिम्मेदार ठहराया जायेगा। यदि जिलों में दंगे की स्थिति बनती है तो पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक को भी जिम्मेदार ठहराया जायेगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव अंटोनी डि सा एवं संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव उपस्थित थे।

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