भोपाल, जून 2014/ विद्यार्थियों में विज्ञान और गणित के प्रति रुझान बढ़ाने के लिये राष्ट्रीय आविष्कार अभियान शुरू किया जायेगा। राष्ट्रीय नवाचार काउन्सिल गठित की जायेगी जो विज्ञान को बाजार से जोड़ेगी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से चर्चा के दौरान केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने यहाँ यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद पाँचवीं तथा आठवीं की बोर्ड परीक्षा समाप्त कर दी गयी है, इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर असर हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा के मूल्यांकन की कोई पद्धति पुन: शुरू की जानी चाहिये। उन्होंने शिक्षा विकास, गुणवत्ता वृद्धि के लिये प्रदेश से केंद्र सरकार को भेजे गये प्रस्तावों की जानकारी दी। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी और मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में शिक्षा के अधिकार कानून के प्रावधान के तहत निजी स्कूलों में सवा चार लाख गरीब बच्चों को भर्ती करवाया गया है। इन बच्चों की फीस के लिये राज्य सरकार ने 300 करोड़ रूपये व्यय किये हैं। इस राशि में केंद्र सरकार की भागीदारी भी होना चाहिये। इसके साथ ही बराबरी की भावना जाग्रत करने के लिये इस प्रावधान के तहत निजी स्कूलों में जा रहे गरीब परिवार के बच्चों के गणवेश, पाठ्य-पुस्तकों तथा अन्य खर्चों की राशि भी दी जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्कूलों में वाचनालय के अभाव को देखते हुए केन्द्र को 1,253 हायर सेकेण्डरी स्कूल में वाचनालय खोलने के लिये 150 करोड़ रूपये का प्रस्ताव भेजा गया है। मध्यप्रदेश जैसे बड़े क्षेत्रफल और भौगोलिक दृष्टि से फैले राज्य के दूर-दूर बसे गाँवों में बेटियों की शिक्षा के लिये नयी हाई स्कूलों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। राज्य शासन ने केंद्र को 6000 नये हाई स्कूल शुरू करने के लिये प्रस्ताव भेजा है। स्कूलों में प्रयोग शालाओं की कमी को देखते हुए 930 स्कूल में प्रयोग शाला के लिये 88 करोड़ रूपये का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए पाँच किलोमीटर की परिधि में ही हाई स्कूल शुरू करने के नियम को शिथिल किया जाना चाहिये। प्रदेश के 201 मॉडल स्कूल में करीब 31 हजार बच्चे अध्ययनरत है। इनके लिये छात्रावास की व्यवस्था भी की जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि सागर विश्वविद्यालय के केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने पर राज्य सरकार ने अधोसंरचना के लिये करीब 600 करोड़ रूपये खर्च किये हैं। पहले से सागर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के लिये राज्य सरकार ने नया विश्वविद्यालय शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसकी स्वीकृति और 400 करोड़ रूपये का अनुदान केंद्रीय मानव संसाधन विभाग से अपेक्षित है। प्रदेश में 80 नये पोलीटेक्निक कालेज तथा पोलीटेक्निक कालेजों में छात्रावास के निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इंजीनियरिंग और टेक्निकल कालेजों में रात में आई.टी.आई. शुरू करने की अनुमति केंद्र से चाही गयी है।

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के क्रियान्वयन में कई चुनौतियाँ हैं। इस संबंध में प्रदेशों से चर्चा के लिये शीघ्र ही बैठक आयोजित की जायेगी, जिसमें प्रदेश, क्षेत्र और राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा की चुनौतियों पर विचार किया जायेगा। राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत विज्ञान और गणित के प्रति बच्चों का रूझान बढ़ाने के लिये प्रत्येक जिले में प्रयोगशालाओं को उन्नत किया जायेगा तथा कार्यक्रम चलाये जायेंगे। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध, पेटेंट और शोध पत्रों के प्रकाशन के संबंध में विद्यार्थियों को जागृत किया जायेगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। नेशनल ई-लायब्रेरी शुरू की जायेगी जिसमें सारी दुर्लभ पुस्तकें, शोध पत्र, व्याख्यान उपलब्ध रहेंगे। इसका उपयोग विद्यार्थियों और शिक्षकों के अलावा कोई भी नागरिक कर सकेगा। नेशनल बुक ट्रस्ट स्व. दीनदयाल उपाध्याय जी की 100 वीं जयंती से लायब्रेरी के प्रति रूझान बढ़ाने का अभियान चलायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रत्येक सुझाव और माँग पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जायेगा।

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