भोपाल, जुलाई, 2014/ प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के ऐसे परिवार जिन्हें मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना में लक्षित सार्वजनिक प्रणाली की नई व्यवस्था में नहीं जोड़ा जा सका था, उनके लिये जून 2014 में खाद्य सुरक्षा पर्व के दौरान विशेष अभियान चलाया गया। खाद्य-नागरिक आपूर्ति विभाग ने इस अभियान में 75 लाख नये व्यक्ति (18 लाख परिवार) को प्राथमिकता परिवार के रूप में शामिल किया है।

विभाग ने इन वर्गों के परिवारों से घर-घर जाकर जाति संबंधी स्वयं के घोषणा-पत्र भरवाये। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के 18 लाख परिवार को जुलाई माह से एक रुपये प्रतिकिलो की दर पर गेहूँ एवं चावल प्रदान किया जा रहा है। इन परिवारों को खाद्यान्न सामग्री के अलावा रियायती दर पर शक्कर, केरोसिन भी प्रदाय किया जा रहा है।

प्रदेश में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदाय किये जाने वाले चावल की बढ़ी हुई माँग को देखते हुए जुलाई माह से केन्द्र सरकार ने चावल के आवंटन में वृद्धि की है। प्रदेश को मिलने वाले 5 लाख 50 हजार मीट्रिक टन चावल के कोटे को बढ़ाकर 8 लाख मीट्रिक टन वार्षिक कर दिया गया है। प्रदेश को अब प्रतिवर्ष 2 लाख 50 हजार मीट्रिक टन अधिक चावल का आवंटन मिलेगा।

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