भोपाल, अप्रैल 2015/ महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह ने कहा है कि महिलाओं को सशक्त बनाने वाले कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये अधिकारी अधिक से अधिक मैदानी दौरे करें। श्रीमती सिंह आज तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम की समीक्षा कर रही थी।
श्रीमती सिंह ने तेजस्विनी कार्यक्रम में प्रदेश के 6 आदिवासी जिले में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये हो रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि डिण्डोरी जिले की महिलाओं ने पूरे देश में प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने आयुक्त महिला सशक्तिकरण से कहा कि वे आदिवासी महिलाओं द्वारा किये जा रहे कोदो-कुटकी के उत्पादन की ब्राण्डिंग करवायें। उत्पादन को बेहतर मार्केटिंग के साथ बाजार में लायें, जिससे महिलाएँ आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त हो सकें।
श्रीमती सिंह ने शौर्या दलों का पूरे प्रदेश में गठन किये जाने के कार्य में गति लाने को कहा। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिये सभी संभाग में निर्भया केन्द्र की स्थापना करने को कहा।
आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने तेजस्विनी कार्यक्रम में जारी गतिविधियों का ब्यौरा दिया। कार्यक्रम में प्रदेश के 6 जिले- मण्डला, डिण्डोरी, बालाघाट, टीकमगढ़, छतरपुर और पन्ना में 12 हजार 759 स्व-सहायता समूह बनाये गये हैं। इनमें एक लाख 68 हजार 744 महिला सदस्य हैं। इस कार्यक्रम में 2,639 गाँव शामिल किये गये हैं।