भोपाल, अप्रैल 2015/ परिवहन आयुक्त द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के पालन में चेकिंग के दौरान नवीन वाहन बिना पंजीयन के संचालित होते पाए गए हैं। वाहनों के दस्तावेजों का अवलोकन करने पर नियमानुसार देय शुल्क व मोटरयान कर जमा होना नहीं पाया गया। ऐसे कतिपय वाहन स्वामियों द्वारा कथन किया गया कि उन्होंने वाहन क्रय करते समय देय शुल्क, मोटरयान कर की राशि वाहन विक्रेता को जमा करा दी है, किंतु वाहन विक्रेता द्वारा शासन के पक्ष में जमा नहीं कराया गया।
केन्द्रीय मोटरयान नियम-42 में विहित प्रावधानों के अंतर्गत वाहनों का विक्रय या परिदान प्रावधानित है। समस्त वाहन विक्रेताओं को निर्देश जारी किये गये हैं कि नियमानुसार वाहनों का पंजीयन कराने के उपरांत ही वाहनों का परिदान क्रेतापक्ष को दें। परंतु यह तथ्य संज्ञान में आ रहा है कि वाहन विक्रेताओं द्वारा क्रेतापक्ष से राशि प्राप्त कर उसका उपयोग अन्यत्र किया जा रहा है, जो कि राजस्व अपराधिक श्रेणी में आता है। साथ ही शुल्क व मोटरयान कर संदाय किये बिना क्रेता को वाहन का परिदान किया जा रहा है, जो स्पष्टतः नियमों में विहित प्रावधानों का उल्लंघन है।
आरटीओ ने बताया कि इस संबंध में समस्त वाहन विक्रेताओं को कार्यालय द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि मोटरयान नियमों में विहित प्रावधानों के अंतर्गत वाहनों का विक्रय सुनिश्चित करें, अन्यथा विहित प्रावधानों के तहत जारी व्यवसाय प्रमाण-पत्र निरस्त किया जायेगा।