भोपाल, जनवरी 2013/ मुख्य सचिव आर. परशुराम ने नये वर्ष 2013 में प्रदेश के विभागाध्यक्षों के लिए प्राथमिकताएँ तय कीं हैं। सभी विभागाध्यक्षों से आम लोगों के सक्रिय सहयोग से उनकी अपेक्षा के अनुसार काम करने का आग्रह किया है। नव वर्ष के अवसर पर उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर उन्हें बीते वर्ष की उपलब्धियों पर बधाई और नये वर्ष में और बेहतर उपलब्धियाँ प्राप्त करने की प्रेरणा तथा शुभकामनाएँ दी हैं।
मुख्य सचिव ने पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री और सम्पूर्ण मंत्रि-परिषद् के प्रेरक नेतृत्व में इस साल मध्यप्रदेश ने महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। 5 जनवरी से सभी विभाग की समीक्षा की जाएगी। इसमें मोटे तौर पर मानव संसाधन प्रबंधन तथा नयी पहलों पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
मध्यप्रदेश ने विश्वव्यापी आर्थिक मंदी के बावजूद शानदार आर्थिक विकास दर हासिल की है। नये वर्ष में इस उपलब्धि को और आगे बढ़ाना है। इसके लिए उन्होंने प्राथमिकताएँ तय करने, कमियों को दूर करने तथा अवसरों का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। मध्यप्रदेश की मुख्य ताकत कृषि है। इसे और अधिक मजबूत बनाने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही सिंचाई क्षमता बढ़ाने, खनिज संसाधनों के अधिक वैज्ञानिक दोहन और युवाओं को बेहतर अवसर दिए जाने के लिए प्रयास किए जायेंगे।
बीते कुछ वर्षों में कृषि, पशुपालन तथा उद्यानिकी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया। अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा कर, नहरों में सुधार और विस्तार कर तथा छोटे खेतों में कुँओं का निर्माण कर सिंचित क्षेत्र बढ़ाया गया। साथ ही किसानों को समय पर बीज और खाद उपलब्ध करवायी गयी। उपार्जन की बहुत कुशल व्यवस्था लागू की गयी। निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में ताप विद्युत उत्पादन को बढ़ाने के सार्थक कदम उठाये गए।
पहली प्राथमिकता अभी तक हासिल की गई विकास संबंधी उपलब्धियों को और मजबूत बनाना है। जो जिले, विशेषकर आदिवासी क्षेत्र, कृषि के क्षेत्र में पिछड़े हैं उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नये वर्ष में उद्यानिकी तथा फसलोत्तर मूल्य श्रंखला के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। दूसरी प्राथमिकता अधोसंरचना को और मजबूत करना है। नये वर्ष में कृषि उत्पादों के भण्डारण की बेहतर व्यवस्था, राज्य क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता की सड़कों का निर्माण तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए फीडर विभक्तिकरण भी प्राथमिकता होगी।
इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की सफलता का उल्लेख करते हुए श्री परशुराम ने कहा कि इसमें हुए करारनामों को जमीन पर उतराने के लिए प्रभावी कदम उठाये जायेंगे। युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करना, उनमें रोजगार पाने की क्षमता बढ़ाना तथा उन्हें खुद का व्यवसाय शुरू करने में सहायता शासन की प्राथमिकता होगी। साथ ही अस्पतालों और स्कूलों में बेहतर व्यवस्थाएँ की जायेगी और कुपोषण को कम करना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल होगा। अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों को विकास का समान लाभ पहुँचाने के प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।
नये वर्ष में सुशासन की उपलब्धियों को और आगे बढ़ाते हुए इसमें सूचना प्रौद्योगिकी का और अधिक उपयोग किया जाएगा। लोक सेवा गारंटी अधिनियम का विस्तार कर इसमें और अधिक सेवाओं को जोड़ा जाएगा। लोक सेवा केन्द्रों को सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर प्रभावी बनाया जाएगा। सामाजिक सुरक्षा और विकास के कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए समग्र सामाजिक सुरक्षा को मुख्यमंत्री की अपेक्षा के अनुरूप अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।