भोपाल, सितंबर 2013/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओडीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से आग्रह किया है कि वह सफेद शेर का एक युवा जोड़ा मध्यप्रदेश को दे दें। इसे मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्थापित किये जा रहे एक नये चिड़ियाघर-सह-संरक्षण केन्द्र में रखा जायेगा। यह केन्द्र सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति से रीवा जिले के गोविंदगढ़ के पास मुकुंदपुर में स्थापित किया जा रहा है। श्री चौहान ने कहा है कि आवश्यकता होने पर इस जोड़े के बदले मध्यप्रदेश से पीले शेर का एक जोड़ा ओडीशा को दिया जा सकता है।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने बताया है कि पहला सफेद नर बाघ रीवा के तत्कालीन महाराजा मार्तण्ड सिंह ने 1953 में उस क्षेत्र में आखेट के दौरान पकड़ा था, जो अब मध्यप्रदेश के संजय टाईगर रिजर्व का हिस्सा है। इस नर बाघ को जीवित पकड़कर रीवा के पास गोविंदगढ़ लाया गया था। इस बाघ की सामान्य रंग की बाघिन से मेटिंग करवाई गई और इसके फलस्वरूप बँधक अवस्था में प्रथम सफेद शेर के बच्चों का जन्म हुआ। यह प्रयास कई वर्ष तक चलता रहा और इसके बाद सफेद शेरों को भारत और विदेश के विभिन्न चिड़िया-घर को या तो बेच दिया गया या दान दे दिया गया। सफेद शेर आज दुनियाभर के चिड़िया-घरों में आकर्षण का बड़ा केन्द्र है।
श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति से रीवा जिले में गोविंदगढ़ के पास मुकुंदपुर में एक चिड़िया-घर-सह-संरक्षण केन्द्र की स्थापना कर रही है। इसमें सफेद शेरों का एक जोड़ा रखने का निर्णय लिया गया है ताकि आगंतुक अतीत की कड़ी को समझ सकें। ऐसी जानकारी मिली है कि ओडीशा के नंदन कानन जू में 3 सफेद बाघ और 7 सफेद बाघिन हैं। इस जू ने सफेद शेरों की ब्रीडिंग में अच्छा नाम कमाया है। यदि ओडीशा युवा सफेद शेर का एक जोड़ा नंदन कानन जू से मध्यप्रदेश को डोनेट कर दे तो मध्यप्रदेश सरकार आभारी होगी।