भोपाल, मार्च 2015/ प्रदेश के 15 जिले सहित देश के 201 जिले में खसरा, टिटनेस, पोलियो, टी.बी., गलघोंटू, काली खाँसी, हेपेटाइटिस -बी और हीमोफिलिस इंफ्ल्यूऐंजा -बी जैसे प्राणघातक रोगों से बचाने के लिए टीकाकरण कार्यक्रम को ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। मिशन इंद्रधनुष के नाम से इस अभियान में सभी बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित होगा। प्रदेश में अगले 4 माह में चार चरण में एक-एक सप्ताह तक मिशन की गतिविधियाँ संचालित की जायेंगी।
मिशन को सफल बनाने के लिए आज लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने यूनीसेफ के सहयोग से एक मीडिया कार्यशाला की। कार्यशाला में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष सात बाल रोगों से बच्चों की रक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 25 दिसंबर 2014 से प्रारंभ की गई पहल है। मिशन इंद्रधनुष में विशेष टीकाकरण के माध्यम से बचपन की बीमारियों, विकलांगता और मौत के जोखिम वाले टीकारहित और आंशिक रूप से टीकाकृत बच्चों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। देश में सालाना 30 फीसदी बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं। जिन राज्य का चयन इस मिशन के लिए किया गया है उनमें उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान के साथ ही मध्यप्रदेश शामिल है। देश में मिशन के लिए चुने गए जिलों में इन 4 राज्य के 82 जिले शामिल हैं। नियमित टीकाकरण कव्हरेज में सुधार के लिए इन जिलों में गहन प्रयास किए जायेंगे। जानकारी दी गई कि देश के अनेक स्थान पर टीकाकरण से संबंधित भ्रांतियों के कारण लोग बच्चों को टीके नहीं लगवाते। कार्यशाला में मिशन को कामयाब बनाने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया से सहयोग का आव्हान भी किया गया।
मध्यप्रदेश के 15 चिन्हित जिले में सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, रायसेन, विदिशा, रीवा, अलीराजपुर, अनूपपुर, झाबुआ, मंडला, शहडोल, सतना और उमरिया शामिल हैं। प्रदेश में 7 अप्रैल, 7 मई, 7 जून और 7 जुलाई को दो साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा। मिशन डायरेक्टर, एनएचएम, मध्यप्रदेश श्री फैज अहमद किदवई और राज्य टीकाकारण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने मिशन की जानकारी दी। इस अवसर पर यूनिसेफ की हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. वंदना भाटिया और संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूएनडीपी के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।