अब इसे राजनीति कहें या अधिकारों की जंग.. मध्‍यप्रदेश के उच्‍च शिक्षा क्षेत्र में आने वाले दिनों में घमासान के आसार साफ नजर आने लगे हैं। विश्‍व बैंक उच्‍च शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए पैसा दे रहा है और जाहिर है जो पैसा देगा वो अपनी शर्तें भी मनवाएगा। लिहाजा मप्र विश्‍वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के जरिए कुलाधिपति यानी राज्‍यपाल के कद को कम करने की कवायद चल रही है। कुलपतियों का मानना है कि उन्‍हें और ज्‍यादा अधिकार मिलने चाहिए और राजभवन का रोल सिर्फ दौरे करने या सिफारिश तक ही रहना चाहिए। शायद इसीलिए हाल ही में बरकतुल्‍ला विवि में हुई प्रदेश के कुलपतियों की बैठक में राज्‍यपाल को विजिटर की भूमिका तक ही सीमित रखने का प्रस्‍ताव आया है। यानी विश्‍वविद्यालयों के शासन प्रशासन को लेकर सरकार और राजभवन में टकराहट तय है।

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