भोपाल, अगस्त 2015/ रविवार को बाँस की 54 प्रजाति के रोपण के साथ मध्यप्रदेश देश में सर्वाधिक बाँस प्रजाति रोपित करने वाला राज्य बन गया है। भोपाल के लहारपुर ईकोलॉजिकल पार्क में बाँस रोपण की शुरूआत मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा ने 14 मार्च, 2015 को वल्गेरि प्रजाति के पौध-रोपण से की थी। इस दिन यहाँ 25 प्रजाति के बाँस पौध का रोपण हुआ। अब यहाँ कुल प्रजाति संख्या 79 हो गयी है। पौध-रोपण का शुभारंभ महिला अधिकारियों ने किया, जिनमें सहायक पुलिस महानिरीक्षक प्रियंका मिश्रा, प्राध्यापक एक्सीलेंस कॉलेज सुचित्रा बनर्जी, अमेरिका की मार्गरेट थामस, बाँस मिशन की अधिकारी दीक्षा लोखंडे शामिल हैं।

मिशन संचालक राज्य बाँस मिशन डॉ. ए.के. भट्टाचार्य ने बताया कि करीब 100 प्रजाति के बाँस पौधों का रोपण होगा। इसमें सिक्किम से आने वाली 15 प्रजातियाँ अगले 2-3 दिन में भोपाल पहुँच जायेगी। लहारपुर उद्यान के 20 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किये जाने वाले बेम्बू सेटम (बाँस बगीचा) में कुल 200 ब्लॉक होंगे। हर ब्लॉक में प्रजाति अनुसार 10-10 पौधे लगाये जा रहे हैं। विकसित होने पर एक-एक भिर्रे में 40 से 200 बाँस उपलब्ध होंगे। बाँस बगीचे की तकनीकी देखभाल की जिम्मेदारी केरला फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट को दी गयी है, जो अब तक सर्वाधिक 68 प्रजाति के साथ देश का सबसे पहला और पुराना बैम्बू सेटम था। विश्व में 200 बाँस प्रजाति पायी जाती हैं, जिन्हें अगले 2-3 साल में लगाने का लक्ष्य है। चीन, वियतनाम, थाईलेण्ड से भी बाँस की पौध मँगवायी जा रही है। पार्क में बाँस का जर्म प्लाज़्म बेंक भी बनाया जा रहा है, जो देश में इकलौता होगा।

तकरीबन 600 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला लहारपुर ईकोलॉजिकल पार्क सिटी फॉरेस्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। अभी तीन भाग में नक्षत्र वाटिका, औषधीय वृक्ष और बैम्बू सेटम विकसित किया जा रहा है, जो शहर को भरपूर ऑक्सीजन देंगे। भविष्य में यहाँ साइकिल ट्रेक, वॉकिंग स्ट्रिप, जॉगिंग पाथ भी बनाया जायेगा।

मिशन संचालक डॉ. भट्टाचार्य, वन संरक्षक ए.के. सिंह, वन अधिकारी जितेन्द्र गुप्ता, रवि खोडे, अमेरिका के संडेन फेमिली फाउण्डेशन के स्टीवेन लेस्सिटर ने भी पौध-रोपण किया।

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