भोपाल, जून 2014/ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि उन्नत कृषि तकनीकें अपनाने के बाद मध्यप्रदेश भारत के अग्रणी कृषि उत्पादक राज्यों से भी आगे खड़ा हो गया है। उन्होंने जबलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय सहित कृषि क्षेत्र में अनुसंधान की नई ऊँचाइयाँ छूने वाले शिक्षा संस्थानों के योगदान को भी सराहा। राष्ट्रपति जबलपुर में जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल रामनरेश यादव ने की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विशिष्ट अतिथि थे।

राष्ट्रपति ने अपने दीक्षांत उदबोधन में देश के विकास में तेजी लाने के लिए कृषि क्षेत्र के विकास और विस्तार संबंधी कार्यक्रमों और योजनाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गरीबी, भूख, बेरोजगारी जैसी समस्याओं के निराकरण के लिए कृषि क्षेत्र के विकास को बढ़ावा दिया जाना समय की मांग है। श्री मुखर्जी ने कहा कि कृषि क्षेत्र के बहुआयामी विस्तार की संभावनाओं का दोहन कर रोजगार और विकास को नई दिशा दी जा सकती है। उन्नत खाद, बीज, कृषि यंत्रों और तकनीक के कारण आज देश में पर्याप्त अनाज उत्पादन हो रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्नत कृषि तकनीकें अपनाने के बाद मध्यप्रदेश, भारत के अग्रणी कृषि उत्पादक राज्यों में भी आगे खड़ा हो गया है।

राज्यपाल रामनरेश यादव ने भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की कृषि विकास दर 24.99 प्रतिशत प्राप्त कर दूसरी बार कृषि कर्मण पुरस्कार हासिल किया गया है। देश की कृषि विकास दर लगभग 3 से 4 प्रतिशत के बीच है।

समारोह में पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ एम.एस. स्वामीनाथन को उनकी अनुपस्थिति में डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से विभूषित करने की घोषणा की गई।

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