डिजास्टर मैनेजमेंट संस्थान में नागरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन के महानिदेशक मैथिलीशरण गुप्त के मार्गदर्शन में एक-दिवसीय कार्यशाला हुई. इसमें विभिन्न जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित जिलों के अधिकारी शामिल हुए.
कार्यशाला में आकस्मिक आपदा और उनसे बचाव के लिये सिविल डिफेंस वालेंटियर की भूमिका में उनकी संरचना को बताया गया. श्री गुप्त ने बताया कि आपदा-स्थल पर स्थानीय लोगों की सहायता से व्यक्तियों, पशुओं और सम्पदा के नुकसान को सुरक्षित किया जा सकता है.
राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सभी जिलों को सिविल डिफेंस जिला घोषित किया गया है. जिलों में इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर स्थापित किये जा चुके हैं। राज्य-स्तर पर आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये स्टेट कमाण्डर सेंटर की स्थापना की गयी है. इसके लिये टोल-फ्री नम्बर-1079 स्थापित किया गया है.
राज्य आपदा स्टेट कमाण्डर सेंटर पर एक शक्तिशाली राज्य आपदा कमान और रिस्पॉन्स मॉनीटरिंग सिस्टम स्थापित किया जा चुका है. भविष्य में इस सिस्टम के माध्यम से सिविल डिफेंस वालेंटियर को, अन्य आवश्यक संसाधन और उपकरणों को बहुत ही कम समय में आपदा-स्थल तक पहुँचा पायेंगे.
सिविल डिफेंस वालेंटियर सर्च और रेस्क्यू फर्स्ट एड के माध्यम से भीड़-नियंत्रण आदि की विभिन्न विधा में प्रशिक्षित होकर शक्तिशाली व्यवस्था अपना रहे हैं.
होमगार्ड द्वारा बनाये गये मोबाइल एप की कार्य-प्रणाली को भी इस कार्यशाला में प्रदर्शित किया गया.