भोपाल, अगस्त 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में आम आदमी को विभिन्न सेवाएँ समय पर और सहज रूप से सुलभ कराने के लिये सूचना-प्रौद्योगिकी का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। सुशासन कायम करने और भ्रष्टाचार मिटाने का आई.टी. सबसे बड़ा माध्यम है। इसके बिना विकास अधूरा है। वे एम.पी.स्टेट समिट- आई.टी. डेव्हलपमेंट कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर परिवहन एवं विज्ञान-प्रौद्योगिकी मंत्री भूपेन्द्र सिंह उपस्थित थे।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सूचना-प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। इसके विस्तार के लिये बुनियादी सुविधाएँ जुटाने के साथ-साथ लोगों को शिक्षित और जागरूक करने का अभियान भी चलाया जा रहा है। इंदौर, ग्वालियर आदि शहरों में आई.टी. पार्क स्थापित किये गये हैं जिनके जरिये ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं। आई.टी. का विस्तार राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।

जन-सामान्य तक सेवाएँ पहुँचाने में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये प्रदेश में लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम संचालित है। इसी तरह प्रदेश में ई-पंजीयन, ई-टेंडरिंग, ई-पेमेंट, ई-मेजरिंग, गेहूँ उपार्जन का भुगतान कृषकों के खाते में तथा विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान सीधे उनके खातों में किया जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न सेवाएँ ऑन लाइन उपलब्ध करवाने तथा दूरदराज के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने में भी सूचना-प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है।

प्रदेश के हर गाँव को इंटरनेट से जोड़ा जायेगा। साथ ही वहाँ पर सभी सुविधाएँ मुहैया कराकर उन्हें स्मार्ट विलेज का रूप दिया जायेगा। इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है। प्रदेश के युवाओं को उद्योगपति बनाने में सरकार पूरी मदद करेगी। साथ ही छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा भी करेगी। आई.टी.क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के प्रयास भी चल रहे हैं।

इस मौके पर उन्होंने सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विभिन्न लोगों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में सचिव मुख्यमंत्री एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी हरिरंजन राव तथा अन्य लोग मौजूद थे।

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