भोपाल, सितम्बर 2015/ भोपाल-इंदौर कॉरीडोर योजना में आने वाले जिलों भोपाल, सीहोर, देवास, शाजापुर, उज्जैन, इंदौर के अधिकारियों के साथ योजना के क्रियान्वयन की हाल में जिलेवार समीक्षा की गयी।

बैठक में बताया गया कि भोपाल जिले का काफी कम क्षेत्र होने से योजना का लाभ कम कृषक उठा पा रहे हैं। बैरागढ़ से सीहोर सीमा तक करीब 9 किलोमीटर में सड़क के दोनों ओर 2 किलोमीटर में आने वाले किसान ही योजना का लाभ ले पा रहे थे, जिससे किसानों का रुझान इस योजना में कम था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब योजना का दायरा बढ़ा दिया गया है। पहले के 9 किलोमीटर के क्षेत्र के अलावा सीहोर रोड (भदभदा से सीहोर) के दोनों तरफ 10 किलोमीटर के रेडियस में आने वाले गाँव के किसान भी अब इस योजना का लाभ ले सकेंगे। चूँकि रातीबड़ और उसके आसपास के क्षेत्र को उद्यानिकी विभाग द्वारा पहले ही पॉली-हाउस के क्लस्टर के रूप में चिहिन्त किया गया है तथा इस क्षेत्र में 50 हेक्टेयर में पॉली-हाउस विकसित करना प्रस्तावित है, इसीलिये इस नये क्षेत्र के जुड़ने से योजना के क्रियान्वयन में आसानी होगी। इस प्रकार 2 किलोमीटर के रेडियस को किसानों के हित में बढ़ाकर 10 किलोमीटर कर दिया गया है।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अनुदान राशि का भुगतान जो कि पहले एक किश्त में किया जाता था, अब उसे दो किश्त में किया जायेगा। पहली किश्त 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो जाने तथा दूसरी किश्त 100 प्रतिशत कार्य पूरा होने के सत्यापन के बाद भुगतान होगी।

दायरा बढ़ा

पहले बैरागढ़ से सीहोर तक भैंसखेड़ी, खजूरी सड़क, भौंरी, बकनिया, फंदा आदि एवं इनसे 2 किलोमीटर दूरी तक आने वाले गाँव योजना में आते थे। परंतु अब योजना का दायरा बढ़ने से इन गाँव के अलावा भदभदा से सीहोर सीमा तक के गाँव नीलबड़, रातीबड़, झगरिया खुर्द, आमला, बड़झिरी, सरवर, फतेहपुर डोबरा, भानपुर, केकड़िया, समस्तगढ़, बरखेड़ा नाथू, मुगालिया छाप एवं इनके आसपास 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गाँव भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।

क्या है योजना

कॉरीडोर में संरक्षित खेती के तहत नेट-हाउस, पॉली-हाउस में फूलों और सब्जियों की खेती को शामिल किया गया है। इसके तहत सड़क किनारे झरबेरा, डचरोज और कारनेशन सहित अन्य फूलों एवं बेमौसम तथा विदेशी सब्जियों की खेती करवाई जायेगी। इसमें पाँच सौ स्क्वायर मीटर से लेकर चार हजार स्क्वायर मीटर (एक एकड़) में पॉली-हाउस बनवाया जायेगा। एक पॉली-हाउस की लागत करीब 844 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर के हिसाब से आयेगी। पॉली-हाउस बनाने की लागत का पचास फीसदी किसानों को राज्य शासन की ओर से दिया जाता है। इसके अतिरिक्त बचे पचास फीसदी हिस्से के लिये बैंक से लोन लेने में विभाग किसानों की मदद करेगा। किसानों को इस खेती से किसी तरह का नुकसान न हो, इसके लिये फसल का बीमा करवाने की भी योजना है। साथ ही चयनित किसान को पॉली-हाउस में फूलों और सब्जियों की खेती करने के लिये प्रशिक्षण दिया जायेगा।

कैसे मिलेगा लाभ

जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहेंगे, वे कार्यालय सहायक संचालक उद्यान, पुराना सचिवालय, भोपाल में सम्पर्क कर 30 सितम्बर के पहले आवेदन कर सकेंगे। हितग्राही का चयन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किया जायेगा।

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