भोपाल, अप्रैल 2015/ बीमारियों के कारगर उपचार और जल्दी ठीक होने के लिये शुरूआती लक्षणों के पता चलने पर चिकित्सक की सलाह से उपचार जल्दी करवाना चाहिये। उपचार शुरू करने में जितनी देर करेंगे, खुद डॉक्टरी करने के चक्कर में रहेंगे, बीमारी उतनी ही बढ़ती जायेगी। प्रदेश में मौजूद एक लाख 10 हजार स्वास्थ्य अमले के साथ डेंगू, मलेरिया, डायरिया जैसी गर्मी और वर्षा के संक्रमण काल में फैलने वाली बीमारियों से निपटने के लिये स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण ने यह बात डेंगू, मलेरिया प्रिवेन्शन पर चिकित्सकों की कार्यशाला में कही।

प्रमुख सचिव ने कहा कि डेंगू तीन दिन में ठीक होता है। मलेरिया रेपिड किट से 15 मिनट में पता किया जा सकता है और उपचार से इनकी तकलीफ से बचा जा सकता है। इसके लिये जरूरी है कि बीमारी के शुरूआती लक्षण होने पर व्यक्ति चिकित्सक के पास पहुँचे। प्रदेश के हर क्षेत्र में चिकित्सकों और दवाइयों की उपलब्धता है। स्वास्थ्य विभाग अपने एक लाख मैदानी अमले के साथ जन-सहयोग से बीमारियों के लक्षण, बचाव के उपाय और उपचार की बातें घर-घर तक पहुँचायेगा।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों को ध्यान में रखकर समान उपचार का प्रोटोकॉल रखने को कहा। आज आयोजित कार्यशाला में विभिन्न विशेषज्ञ द्वारा बीमारियों के लक्षण, उपचार के तरीके और नियंत्रण के उपायों को बताया गया।

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