भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने ‘अपना बाँस अपना पैसा’ की तर्ज पर बाँस काटने वाले श्रमिकों को बाँस के विक्रय से होने वाले लाभ का शत प्रतिशत हिस्सा देने का अभूतपूर्व निर्णय लिया है। इसका सबसे अधिक लाभ बालाघाट जिले के आदिवासी वर्ग के लोगों को होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 14 अक्टूबर को मलाजखंड में बाँस के लाभांश वितरण का शुभारंभ करेंगें।
बालाघाट मध्यप्रदेश का सर्वाधिक बाँस उत्पादक जिला है। जिले में रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा लोगों को बाँस कटाई के कार्य में महारत हासिल है। बाँस कटाई से गरीब आदिवासियों को पहले केवल मजदूरी ही मिलती थी। अब प्रदेश सरकार ने बाँस के व्यापार से बिचौलियों को बाहर कर बाँस के विक्रय से होने वाले लाभ का पूरा हिस्सा बाँस कटाई करने वाले श्रमिकों को देने का निर्णय लिया है। प्रदेश शासन की इस पहल से गरीब आदिवासियों को बाँस कटाई की मजदूरी के साथ बाँस का लाभांश मिलेगा वहीं उन्हें बाँस के जंगलों को बचाने की प्रेरणा भी मिलेगी।
प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब बाँस के लाभांश का पूरा हिस्सा कटाई करने वाले श्रमिकों को मिलेगा। बालाघाट जिले के 14 हजार 950 श्रमिक को 14 अक्टूबर को 8 करोड़ 57 लाख 59 हजार की लाभांश राशि का वितरण मुख्यमंत्री श्री चौहान की मौजूदगी में होगा। यह लाभांश अब हर वर्ष दिया जायेगा। प्रदेश शासन के इस निर्णय से निश्चित रूप से जंगल के करीब रहने वाले गरीब आदिवासियों का जीवन-स्तर पहले से बेहतर होगा और वे पूरे मनोयोग से जंगलों की सुरक्षा करेंगें।