भोपाल, अप्रैल 2015/ पीएचई मंत्री कुसुम महदेले ने भौतिक सत्यापन के बाद बंद पाई गई नल-जल योजनाओं को आगामी 15 अप्रै ल तक चालू करवाने के निर्देश दिये हैं। सुश्री महदेले पीएचई के अभियंताओं की बैठक में ग्रीष्म ऋतु में पेयजल स्थिति की समीक्षा कर रही थीं।

उन्‍होंने कहा कि विभिन्न कारण से बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को तत्काल दुरुस्त करवाया जाये। विभागीय अमला नव-निर्वाचित सरपंचों को भी नल-जल योजनाओं की जानकारी दे तथा बंद योजनाओं को फिर शुरू करवाने के लिये उनसे सहयोग देने को कहा जाये। नल-जल योजनाओं के संचालन में सामग्री की कोई कमी नहीं होनी चाहिये। मार्च माह में हेण्ड-पम्पों के संबंध में प्रदेशव्यापी सर्वे करवाया गया था। जो हेण्ड-पम्प बंद मिले थे, उनमें से अधिकांश को चालू करवाया गया।

ग्रीष्म ऋतु में लोगों को पेयजल उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी विभागीय अमले पर है। पेयजल आपूर्ति में किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाये। लोगों को सुगमता से पेयजल उपलब्ध होना चाहिये। उन्होंने हेण्ड-पम्प के दुरुस्तीकरण में एसएमएस आधारित प्रणाली के उपयोग के निर्देश दिये। आगामी एक मई से एसएमएस प्रणाली का उपयोग शुरू हो जाना चाहिये। एसएमएस तीन दिवस में हेण्ड-पम्प मेकेनिक तक पहुँचे और कार्यवाही न होने की स्थिति में उसकी जानकारी संबंधित कार्यपालन यंत्री तक पहुँचे।

प्रमुख सचिव पीएचई अश्विनी कुमार राय ने बताया कि मांग के अनुसार 31 मार्च में राइजर पाइप बढ़ाने के निर्देश दिये गये थे। इस दिशा में लगभग 70-80 फीसदी कार्य हो चुका है। शेष रह गये हेण्ड-पम्पों में आगामी 15 अप्रैल तक राइजर पाईप बढ़वाने के निर्देश दिये गये हैं।

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