भोपाल, जून 2015/ फसल को जोखिम और नुकसान की स्थिति में किस तरह समुचित कदम उठाकर किसानों को सशक्त बनाया जाये, इसके लिये भोपाल में 15-16 जून को फसल बीमा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में होने वाली इस संगोष्ठी में देश-विदेश के लब्ध-प्रतिष्ठित कृषि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ विचार-विमर्श करेंगे। संगोष्ठी के पहले दिन 15 जून को मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन अपने विचार व्यक्त करेंगे। विषय प्रवर्तन मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा द्वारा किया जायेगा।
पहले सत्र में केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अपर सचिव श्री ए.के. श्रीवास्तव प्रारंभिक टिप्पणी देंगे। मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा वर्तमान फसल बीमा योजनाओं से संबंधित मुद्दों और आगे की रणनीति पर प्रकाश डालेंगे। रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी मुम्बई के महानिदेशक डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे किसानों का भविष्य सुरक्षित करने और बीमा के संबंध में विचार रखेंगे। कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष डॉ. अशोक विशनदास उपज को होने वाली हानि और मूल्य में कमी के जोखिम को कम करने के लिये छोटे और मझोले किसानों के लिये फसल बीमा योजना तैयार करने के बारे में चर्चा करेंगे। राष्ट्रीय कृषि आर्थिक एवं नीति अनुसंधान केन्द्र के डॉ. रमेशचंद और डॉ. एस.एस. राजू उन फसलों के बारे में बतायेंगे जिन्हें सबसे ज्यादा नुकसान होता है। साथ ही ऐसे किसानों की भी पहचान करेंगे, जिन्हें विशेष रूप से फसल बीमा की जरूरत है। माइक्रो इंश्योरेंस अकादमी दिल्ली के सीएमडी प्रोफेसर डॉ. डेविड ड्रोर सीमांत किसानों के लिये बेहतर लघु बीमा योजना तैयार करने के बारे में चर्चा करेंगे।
दूसरे सत्र में कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष डॉ. अशोक विशनदास विषय प्रवर्तन करेंगे। एओन बेनफिल्ड शिकागो के सीनियर केटेस्ट्रोफ श्री जोशनु मेडसन मॉडयलर अमेरिका और कनाडा में फसलों को हानि के आकलन और बीमा योजनाओं के संबंध में बतायेंगे। अर्जेन्टीना की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्योनोस में स्कूल ऑफ एकोनॉमिक्स के एग्रीकल्चरल रिस्क को-ऑर्डिनेटर डॉ. मिग्युअल फस्को लातिन अमेरिकी देशों में फसल नुकसान आकलन और फसल बीमा के संबंध में बतायेंगे। एओन बेनफिल्ड सिंगापुर में एशिया-प्रशांत के कृषि विभाग अध्यक्ष श्री क्रिस्टोफर फसल बीमा के समग्र परिप्रेक्ष्य पर चर्चा करेंगे। जर्मनी के हेनोवर में एग्रीकल्चरल रिस्क के अंडरराइटर डॉ. लेइफ हेम्फाहर्ट यूरोप और इजराइल में कृषि बीमा के संबंध में बतायेंगे। वह भारत में इसके व्यावहारिक स्वरूप पर भी चर्चा करेंगे। साउथ-वेस्ट एशिया, स्विस की कृषि विभाग अध्यक्ष सुश्री हेनरी कानन एशियाई देशों में छोटे और मझोले किसानों के लिये विशिष्ट फसल बीमा योजनाओं तथा इस संबंध में अनुभवों पर चर्चा करेंगी।
संगोष्ठी के दूसरे दिन नार्थ-ईस्ट सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन एण्ड रिसर्च के महानिदेशक श्री संजीव नायर विषय प्रवर्तन करेंगे। महालनोबिस नेशनल क्रॉप फोरकॉस्ट सेंटर के निदेशक डॉ. शिवेन्दु एस रे फसल बीमा में सुदूर संवेदन तकनीक की भूमिका बतायेंगे। नेशनल रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर के समूह निदेशक डॉ. एम.व्ही.आर. सेशसाई स्थानीय दृष्टि से फसल नुकसान आकलन पर चर्चा करेंगे। रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर भोपाल के डॉ. जी.डी. बैरागी जियोमेटिक्स के जरिये फसल पहचान पर विचार रखेंगे। प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज, एग्रीकल्चर एण्ड फूड सिक्योरिटी के रीजनल प्रोग्राम लीडर डॉ. पी.के. अग्रवाल किसानों के लिये अधिक संतोषजनक फसल बीमा नीति के निर्माण में टेक्नोलॉजी के उपयोग पर चर्चा करेंगे।
इसी दिन आईआरआईसीएस मुम्बई के श्री के.एन. राव, एचडीएफसी के डॉ. अनुज त्यागी, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के श्री आलोक अग्रवाल, एआईसीआईएल के श्री मलय पोद्दार, नाबार्ड के डॉ. आर.एन. कुलकर्णी और एग्री बिजनेस साल्यूशन्स स्काईमेट वेदर सर्विसेज के श्री नीलम गुप्ता फसल बीमा के विभिन्न पहुलु पर चर्चा करेंगे।
समापन सत्र की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह मुख्य अतिथि होंगे। कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन विशेष अतिथि रहेंगे। इस अवसर पर प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा संगोष्ठी की दो दिन की कार्यवाही पर प्रस्तुतिकरण देंगे। कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आर.के. स्वाईं आभार व्यक्त करेंगे।