भोपाल, जनवरी 2013/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बाँस विकास निगम का गठन किया जायेगा। इसके अध्यक्ष को राज्य मंत्री का दर्जा रहेगा। निगम का अध्यक्ष धानक समाज का होगा। वे यहाँ समन्वय भवन में अखिल भारतीय धानक समाज संगठन मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया और आदिम-जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण राज्य मंत्री हरिशंकर खटीक भी उपस्थित थे।
श्री चौहान ने कहा कि जमाना बदल रहा है। समाज बदलते परिवेश के साथ सामंजस्य बैठा कर विकास का मार्ग चुने। परम्परागत धंधे के साथ ही नए व्यवसायों में भी प्रवेश करें। शिक्षा की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा के लिये हर तरह की सुविधाएँ दी जा रही हैं। पहली कक्षा से छात्रवृत्ति, गणवेश और पुस्तकें देने से लेकर विदेश अध्ययन के लिये 15 लाख रूपये तक सरकार द्वारा व्यय करने के प्रावधान किये गये हैं। उच्च सरकारी सेवाओं में प्रवेश के लिये निःशुल्क कोचिंग और आवश्यक धनराशि भी उपलब्ध करवायी जा रही है। स्व-रोजगार के प्रयासों में भी वित्तीय मदद के लिये ऋण गारंटी और ब्याज सब्सिडी की योजना भी शीघ्र ही लागू की जायेगी। सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है, जरूरत समाज को प्रतिभाओं को आगे लाने की है।
लोकतंत्र में मुख्यमंत्री जनता का सेवक होता है। प्रदेश सरकार ने जो सबसे पीछे हैं, उनकी सेवा को प्राथमिकता देकर विकास और कल्याण के लिये अनेक योजनाएँ बनायी हैं। बेटा-बेटी के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिये। धानक समाज का उनके हृदय में विशिष्ट स्थान है। समाज के सदस्यों को जाति प्रमाण-पत्र बनाने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके निर्देश देने और समाज के विकास के लिये संविधान के दायरे में जो कुछ भी किया जा सकता है, करने का आश्वासन भी दिया।
अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य घनश्याम पिरोनिया ने कहा कि स्वर्णिम मध्यप्रदेश के सपने को साकार करने के लिये समाज एकजुट होने का संकल्प ले। सांसद मिथलेश कुमार ने कहा कि समाज की ताकत उसकी एकजुटता होती है। समाज के प्रदेश अध्यक्ष एस.डी. वंशकार ने समाज के ज्ञापन का वाचन किया।