भोपाल, जून 2013/ प्रदेश में इस बार मानसून की शानदार शुरूआत ने ग्रीष्म ऋतु के दौरान सबसे अधिक तापमान बल्कि लू और शुष्कता के लिए जाने जाने वाले हिन्दी माह ‘जेठ’ और अंग्रेजी माह ‘जून’ के मायने बदल दिए हैं। अभी जून के 12 दिन शेष हैं और प्रदेश के 44 जिले तरबतर हो चुके हैं। प्रदेश का अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान से बराबरी करने की होड़ में है। प्रदेश में अब तक सामान्य वर्षा 39.8 मिलीमीटर के विरुद्ध 122.7 मिमी वर्षा हो चुकी है। पश्चिमी मध्यप्रदेश में सामान्य वर्षा 38.3 के विरुद्ध 137.6 मिमी हुई है जो 18 जून तक की सामान्य वर्षा से 259 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह पूर्वी मध्यप्रदेश में अब तक की सामान्य वर्षा 41.8 मिलीमीटर के विरुद्ध 103.7 मिमी वर्षा हो चुकी है। यह भी प्रदेश की 18 जून तक की सामान्य वर्षा से 148 प्रतिशत अधिक है। मात्र 2 जिलों में सामान्य, 2 में कम और 2 जिलों में बहुत कम वर्षा दर्ज की गई है।
सामान्य से अधिक वर्षा वाले जिलों में जबलपुर, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, सिवनी, मंडला, डिंडोरी, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, सिंगरोली, सतना, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, खण्डवा, बुरहानपुर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, देवास, शाजापुर, मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद, हरदा और बैतूल शामिल हैं। सामान्य वर्षा वाले जिले हैं कटनी और श्योपुरकला। कम वर्षा वाले जिले रीवा और सीधी है। बहुत कम वर्षा वाले जिले पन्ना और बड़वानी हैं।
प्रदेश के 4 जिले जिनमें 200 मिमी से अधिक वर्षा हो चुकी है उनमें बुरहानपुर 258.3 मिमी, इंदौर 225.1, खण्डवा 231.1 और छिन्दवाड़ा 201.9 मिमी शामिल हैं। इसके अलावा 31 जिले में 100 मिमी से अधिक वर्षा हुई।
प्रदेश के लोगों के लिये कंट्रोल-रूम
उधर उत्तराखण्ड में बाढ़ से प्रभावित प्रदेश के निवासियों की सहायता के लिये मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन इमरजेंसी कंट्रोल-रूम प्रारंभ किया गया है। कंट्रोल-रूम का टेलीफोन नम्बर 0755-2556422 है। कंट्रोल-रूम के प्रभारी जिला सेनानी संतोष जाट का मोबाइल नम्बर 09926769808 है।