भोपाल, सितंबर 2013/ ‘वे फर्ज निभाते सबकी सुरक्षा का, एक कदम उनके स्वास्थ्य की रक्षा का’- इस ध्येय वाक्य के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 26 सितम्बर को ‘मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना” का शुभारंभ करेंगे। प्रदेश के पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों का समय पर इलाज करवाने और मेडिकल रिएम्बर्समेंट की परेशानियों से मुक्ति दिलवाने के उद्देश्य से यह योजना लागू की जा रही है। योजना में राज्य शासन से मान्यता प्राप्त और पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित होने वाले ट्रस्ट से अनुबंधित चिकित्सालयों में एक वित्तीय वर्ष में 8 लाख रुपये तक की कैश-लेस उपचार की सुविधा होगी। योजना में लगभग एक लाख पुलिस परिवार लाभान्वित होंगे।
योजना में मध्यप्रदेश पुलिस में पदस्थ सभी श्रेणी के अधिकारी एवं कर्मचारी (भारतीय पुलिस सेवा एवं प्रतिनियुक्ति पर अन्य विभाग में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी को छोड़कर) सदस्य होंगे। प्रत्येक सदस्य को 100 रुपये प्रवेश शुल्क और 50 रुपये प्रतिमाह की दर से 600 रुपये प्रतिवर्ष अंशदान देना होगा। अन्य विभाग के कर्मचारी, जो पुलिस इकाइयों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं, केवल प्रतिनियुक्ति के दौरान ही योजना का लाभ लेने के पात्र होंगे।
इकाई प्रमुख पुलिस अधीक्षक, सेनानी, पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक द्वारा योजना के सदस्यों तथा उनके परिवार के सदस्यों को संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के परामर्श पर प्रदेश के अंदर एवं प्रदेश के बाहर स्थित मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में उपचार की अनुमति दी जायेगी। मान्यता प्राप्त अनुबंधित चिकित्सालयों में कैश-लेस उपचार उपलब्ध करवाने के लिये एक सदस्यता पत्र जारी किया जायेगा। योजना में पति/पत्नी के अतिरिक्त 3 बच्चों को भी उपचार की सुविधा मिलेगी। यह सुविधा केवल ट्रस्ट द्वारा पूर्व में निर्धारित गम्भीर बीमारियों के उपचार एवं शल्य क्रिया के लिये ही उपलब्ध करवायी जायेगी।
सदस्य या उसके परिवारजन को कोई बीमारी होने पर उसका इलाज चिन्हित अस्पतालों में तुरंत शुरू किया जायेगा। चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति सीधे न्यास द्वारा की जायेगी तथा संबंधित कर्मचारी के चिकित्सा प्रतिपूर्ति की राशि का भुगतान सीधे न्यास के खाते में होगा। सदस्यता फार्म, सहमति पत्र एवं घोषणा-पत्र का प्रारूप सभी पुलिस इकाइयों को भेजा जा रहा है।