भोपाल, दिसंबर 2012/ पर्यावरण मंत्री जयंत मलैया ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण का बेहतर वातावरण बनाने में युवा असरदार भूमिका निभा सकते हैं। इस काम में प्राध्यापक एवं शिक्षकों को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहिए। श्री मलैया यहाँ पर्यावरण संरक्षण एवं प्रबंधन विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ कर रहे थे।
श्री मलैया ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व पर्यावरण की चिन्ता से ग्रसित है। इस दिशा में पर्यावरण नियोजन एवं संगठन (एप्को) द्वारा देश के जाने-माने पर्यावरण विशेषज्ञों की सेवाएँ ली गयी हैं। पर्यावरण संरक्षण एवं इसके सुधार के लिए बहुमूल्य सुझाव प्राप्त हो रहे हैं। श्री मलैया ने प्रतिभागी महाविद्यालयीन प्राध्यापक एवं विद्यालय शिक्षकों का आव्हान किया कि वे पर्यावरण विषय की गहरी रुचि रखने वाले 5 से 6 छात्र का ग्रुप मास्टर प्लान तैयार करें। उन्होंने इप्को को इसके लिए 5 लाख की राशि दिए जाने की घोषणा भी की।
श्री मलैया ने पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पर्यावरण सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। लगातार पोलीथिन का प्रयोग महत्वपूर्ण कारक है। इसके प्रयोग से जहाँ अण्डर वाटर का स्तर प्रभावित हो रहा है वहीं जानवरो द्वारा पोलीथिन खाने से हजारों जानवर काल के मुँह में समा जाते हैं। आम लोगों को पोलीथिन का उपयोग करने से रोकने के लिए स्वैच्छिक संस्थाओं और बुद्धिजीवियों के साथ ही शिक्षा क्षेत्र में संलग्न प्राध्यापक एवं शिक्षकों को अध्ययनरत युवा छात्रों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस ने एप्को द्वारा पर्यावरण क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों एवं आगामी कार्य-योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के सहयोग से ‘एप्को’ द्वारा पर्यावरण विषय पर रिफ्रेशर कोर्स प्रारंभ किए जाएंगे। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का प्रशिक्षण राजधानी भोपाल के अलावा अन्य स्थानों पर श्रंखलाबद्ध रूप से प्रारंभ करवाये जाने का आश्वासन भी दिया।