भोपाल, मई 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निःशक्त जोड़ो के विवाह पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को 50 हजार से बढाकर एक लाख रुपये करने की घोषणा की। यह राशि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में मिलने वाली 25 हजार रुपये के अतिरिक्त होगी। उन्होंने केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा भोपाल में नि:शक्त जन-कल्याण के लिये स्थापित कम्पोजिट रीजनल सेंटर के लिये जमीन देने के प्रस्ताव पर सहमति देते हुए राज्य सरकार की ओर से आवश्यक जमीन उपलब्ध करवाने की भी घोषणा की।

श्री चौहान रायसेन में केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय और रायसेन जिला प्रशासन द्वारा आयोजित देश के सबसे बड़े जिला स्तरीय सामाजिक अधिकारिता शिविर को संबोधित कर रहे थे। शिविर में 4,700 से ज्यादा नि:शक्त लोगों को सहायता उपकरण वितरित किये गए। लाभान्वितों की संख्या के हिसाब से यह देश का सबसे बड़ा जिला स्तरीय नि:शक्त जन सहायता शिविर था।

नि:शक्तजन के लिए राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि सरकारी नौकरियों में छह प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। उनके बच्चों को स्कालरशिप दी जा रही है। रोजगार प्राप्त करने और स्वयं का रोजगार शुरू करने में सक्षम बनाने के लिए नि:शक्त लोगों के लिए विशेष औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोलने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने भारत सरकार से ऐसे शिविर हर जिले में लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसके लिये राज्य शासन की ओर से हर प्रकार का सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने मूक-बधिरों को ऑपरेशन में सहायता देने भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य शासन भी ऐसे लोगों के इलाज के लिए हर प्रकार से सहयोग करेगा।

श्री चौहान ने कहा कि नि:शक्तजन की थोड़ी सी सहायता से सामान्य जीवन बिता सकते है। उनकी सेवा ही सबसे बड़ी मानव सेवा है। नेपाल में भूकंप त्रासदी की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने जन समुदाय से पाँच मई, मंगलवार को सुबह 11 बजे एक मिनिट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करने की अपील की।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विशाल नि:शक्त जन कल्याण शिविर आयोजन के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय और रायसेन जिला प्रशासन की सराहना की। शारीरिक अक्षमता के लिए अपंग या विकलांग जैसे शब्दों का उपयोग अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बंद हो गया है क्योंकि ऐसे लोगों को अन्य प्रकार से सक्षम माना जाता है। अपनी क्षमताओं को विकसित कर शारीरिक अक्षमता पर विजय प्राप्त की जा सकती है।

केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार नि:शक्तजन के सम्पूर्ण सामाजिक, आर्थिक विकास के लिये प्रतिबद्ध है। उनकी सहायता के लिये आधुनिक उपकरण बनाये जा रहे हैं और उन्हें आगे बढ़ने के लिये वित्तीय मदद भी दी जा रही है। नि:शक्तजन मानव संसाधन के अभिन्न अंग हैं। केन्द्र सरकार उन्हें अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने और क्षमता साबित करने के लिये पूरे अवसर दे रही है। इसके परिणामस्वरूप नि:शक्तजन ने खेलों और अन्य क्षेत्रों में भारत का नाम रोशन किया है। श्री गहलोत ने कहा कि नि:शक्तजन की सहायता के लिये कल्याण शिविर हर जिले में लगेंगे। उन्होंने रायसेन जिले में बहुमंजिला कलेक्ट्रेट भवन में लिफ्ट लगाने के लिये अपने मंत्रालय की ओर से आवश्यक धनराशि देने की घोषणा की। नि:शक्तजनों की आवश्यकतानुसार अत्याधुनिक उपकरणों का निर्माण भारत में ही शुरू होगा।

केन्द्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री कृष्णपाल सिंह गुर्जर ने बताया कि मंत्रालय के अंतर्गत नि:शक्तजन सशक्तिकरण विभाग स्थापित किया गया है। इसके अंतर्गत नि:शक्तजन कल्याण के लिये काम करने वाले सभी संस्थान, निगम संचालित है। उन्होंने नि:शक्तजन कल्याण योजनाओं की विस्तार से चर्चा की।

प्रारंभ में मुख्यमंत्री एवं अतिथियों ने बेटियों के चरण पूजन किये। चिल्ड्रन वेलफेयर सोसाइटी के नेत्रहीन बच्चों के स्वागत गीत से अभिभूत होकर मुख्यमंत्री ने मंच से नीचे उतर कर उनका सम्मान किया। कलेक्टर जे.के. जैन ने अतिथियों का स्वागत किया। हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री नरवीर सिंह, वन मंत्री गौरी शंकर शेजवार, राजस्व मंत्री रामपाल सिंह, संस्‍कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा, क्षेत्रीय सांसद राव उदय प्रताप सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता किरार और बड़ी संख्या में नि:शक्तजनों के परिजन उपस्थित थे।

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