भोपाल, अक्टूबर 2013/ मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के बेहतर संचालन के लिए निर्वाचन अधिकारियों को आई.टी. (सूचना प्रौद्योगिकी) की जानकारी होना चाहिए। कलेक्टर और रिटर्निंग ऑफीसर को पता होना चाहिए कि निर्वाचन संचालन की प्रक्रिया में कौन-सा साफ्टवेयर इस्तेमाल हो रहा है। यह बात आज आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में विधानसभा चुनाव के लिए जिलों में पदस्थ एनआईसी (नेशनल इन्फॉरमेटिक्स सेंटर) के अधिकारियों के दो दिवसीय प्रशिक्षण के उदघाट्न सत्र में अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी व्ही.एल. कांता राव ने कही। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविन्द भी अपरान्ह के सत्र में शामिल हुए। उन्होंने भी अधिकारियों को प्रशिक्षण लेकर अधिक कारगर तरीके से कार्य करने की समझाइश दी। प्रशिक्षण में भारत निर्वाचन आयोग के आई.टी. विशेषज्ञों द्वारा प्रदेश के एनआईसी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पन्द्रह अक्टूबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में प्रत्येक जिले से एनआईसी के दो-दो अधिकारी भाग ले रहे हैं।
श्री कांता राव ने कहा कि नामांकन प्रक्रिया से मतगणना तक के कार्य में जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग होगा, उसकी तकनीकी जानकारी निर्वाचन अमले को होनी चाहिए। चुनाव सम्पन्न करवाने के लिए एनआईसी ने जो सॉफ्टवेयर तैयार किया है, उसमें सभी विषय शामिल है। हाल में आदर्श आचार संहिता को भी उससे जोड़ा गया है। इस कार्य के लिए सीईओ कार्यालय में भी छ: प्रोग्रामर की सेवाएँ ली जा रही हैं। उन्होंने एनआईसी के अधिकारियों से कहा कि यदि वे इसमें कोई बदलाव चाहते हैं तो सुझाव दे सकते हैं।