ग्‍वालियर, नवंबर 2012/ मध्यप्रदेश सरकार समाज की अगुआई में बेटियों को बचाने, आगे बढ़ाने और उनके सम्मान के लिये जन आंदोलन चलायेगी। इस जन आंदोलन का आगाज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर आज ग्वालियर से किया। इस अवसर पर नारी के सम्मान, सुरक्षा और गरिमा के संकल्प में एक लाख हाथ ऊपर उठे।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बेटियों के हित में हेल्प लाईन और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ व अन्य तरह का उत्पीड़न करने वाले अपराधियों का डाटा बेस तैयार कर उन्हें तमाम सरकारी सुविधाओं से वंचित करने की घोषणा की। उन्होंने ग्वालियर व्यापार मेला प्रांगण में मौजूद विशाल समूह को महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार की असमानता, भेदभाव तथा हिंसा का पुरजोर विरोघ करने की शपथ दिलाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का काम पुल-पुलियाँ आदि का निर्माण करवाना भर ही नहीं बल्कि समाज को सही दिशा देने का दायित्व भी सरकार का होता है। इसी बात को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार द्वारा समाज की सक्रिय भागीदारी से बेटी बचाओ अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजना शुरू कर प्रदेश में अब तक 13 लाख लाड़ली लक्ष्मी बनाई गयी हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, गाँव की बेटी योजना, स्थानीय निकायों और सरकारी नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण देने का काम राज्य सरकार ने पूरी शिद्दत के साथ किया है।

श्री चौहान ने कहा कि केवल बेटों से ही वंश का नाम नहीं चलता। बेटियों से भी वंश का नाम रोशन होता है। हमारे देश में ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ने खासतौर पर श्रीमती इन्दिरा गाँधी, पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री श्रीमती ममता बनर्जी, तमिलनाड़ की मुख्यमंत्री श्रीमती जयललिता, लोक सभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार और नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज का प्रमुखता से उल्लेख किया। उन्‍होंने कहा कि दहेज प्रथा और खर्चीली शादियाँ भी महिला विरोधी होती हैं। समाज इन पर अंकुश लगाने के लिये दृढ़ता के साथ पहल करे। इसी तरह नारी को उपभोग की वस्तु के रुप में प्रस्तुत करने वाले विज्ञापनों को हतोत्साहित करने की पहल भी समाज में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर केन्द्रित अश्लील होर्डिंग और टेलीविजन में आने वाले विज्ञापनों को रोकने के लिये समाज आगे आए।

महिलाओं व बेटियों के साथ छेडछाड़ व दुर्व्यवहार करने वाले लोगों पर भी प्रदेश सरकार कड़ा शिकंजा कसेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों का डाटा बेस तैयार करवाया जायेगा, ताकि उन्हें कड़ी सजा दिलाई जा सके। साथ ही ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को चरित्र प्रमाण पत्र, ड्रायविंग लायसेंस व पासपोर्ट जैसी अन्य सुविधाओं से वंचित किया जा सके। प्रदेश में जल्द ही महिलाओं को सुरक्षा के लिये एक टोल फ्री नम्बर प्रदर्शित किया जायेगा जिस पर सूचना देकर महिलायें अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकेंगी। प्रदेश में पीसी पीएनडीटी एक्ट का पालन भी सख्ती से होगा।

बेटियों की घटती हुई संख्या अर्थात स्त्री-पुरुष अनुपात में ग्वालियर-चंबल अंचल की स्थिति प्रदेश में सबसे खराब है। इसीलिये महिला सशक्तिकरण के मकसद से समाज की अगुआई में प्रदेशव्यापी नारी सम्मान उत्सव (आंदोलन) की शुरूआत ग्वालियर से की गई है। अब इसी तर्ज पर प्रदेश भर में महिलाओं के प्रति सकारात्मक वातावरण बनाने के कार्यक्रम किए जायेंगे। वीरांगना लक्ष्मीबाई की जयंती से शुरू हुआ यह जन आंदोलन राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती 12 अक्टूबर तक सतत रूप से सम्पूर्ण प्रदेश में चलेगा। समाज के सहयोग से प्रदेश सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये तमाम प्रयास करेगी। साथ ही उन्हें आत्म-सुरक्षा के लिये भी तैयार करने में पूरी मदद देगी। सरकार ट्रेनर्स के जरिए बेटियों को आत्म-रक्षा के लिये कुंग-फू और जूडो-कराते जैसे मार्शल आर्ट प्रशिक्षण दिलवाएगी।

नारी सम्मान पर्व में जिले के प्रभारी एवं लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनूप मिश्रा, पशुपालन मंत्री अजय विश्नोई, सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर व श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, राज्य सभा सांसद प्रभात झा, श्रीमती माया सिंह व श्री कप्तान सिंह सोलंकी एवं महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता और मुख्य सचिव आर. परशुराम उपस्थिति थे।

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