उज्जैन, मई 2013/ गम्भीर जल संकट से जूझते मालवांचल में नर्मदा का पानी लाने के बरसों पुराने सपने को साकार करने वाली नर्मदा- क्षिप्रा लिंक परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। अंचल के ग्रामीण प्राधिकरण के अधिकारियों और निर्माण एजेन्सीकर्मियों को हर सम्भव सहयोग और समर्थन दे रहे हैं।
इन्दौर जिले के ग्राम उज्जैनी के निकट क्षिप्रा के उद्गम-स्थल पर एकत्रित ग्रामीणों ने बताया कि नर्मदा को क्षिप्रा से जोड़ने की बात हम बरसों से सुन रहे थे लेकिन इस दिशा में कभी कुछ नहीं हुआ। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नर्मदा-क्षिप्रा संगम का बीड़ा उठाया है तो बरसों पुराने सपने को साकार बनने की स्थिति आ रही है। इस अंचल के कृषक श्याम चौधरी, धन्नालाल, शशि अवस्थी आदि ने बताया कि हमने यह पहली बार देखा कि जिस दिन मुख्यमंत्री ने परियोजना का शिलान्यास किया उसके अगले दिन से ही भारी मशीनों ने तेजी से काम चालू कर दिया।
उल्लेखनीय है कि 432 करोड़ रूपये लागत की यह परियोजना एक साल के रेकार्ड समय में पूरी होनी है। इसका काम नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने 29 नवम्बर 2012 में शुरू किया था। परियोजना के 9000 किलोवाट क्षमता के तीन विद्युत पम्पिंग स्टेशन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। कुल 45 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन के कार्य में अब तक 23 किलोमीटर लाइन डाली जा चुकी है। परियोजना में नर्मदा का 5 क्यूमेक्स जल सिसलिया तालाब से उद्वहन कर क्षिप्रा उद्गम में डाला जायेगा। ओंकारेश्वर सिंचाई परियोजना के जल संग्रह के लिये निर्मित सिसलिया तालाब उद्गम-स्थल से लगभग 45 किलोमीटर दूर है।
परियोजना से उज्जैन, देवास सहित लगभग 150 गाँव को पीने का पानी उपलब्ध होगा। इसके साथ ही देवास, उज्जैन, पीथमपुर, नागदा, सांवेर क्षेत्र में औद्योगिक जल की आपूति भी की जा सकेगी। सिंहस्थ पर्व में भी पर्याप्त जल सुलभ होगा। नर्मदा-मालवा लिंक की भावी परियोजनाओं में नर्मदा-गम्भीर, नर्मदा-कालीसिंध और नर्मदा-पार्वती लिंक परियोजनाएँ सम्मिलित हैं।