भोपाल, अक्टूबर 2014/ लोकसभा एवं विधानसभा निर्वाचन की तरह नगरीय निकाय निर्वाचन में भी पेड-न्यूज के प्रावधान लागू होंगे। नगरीय निकाय निर्वाचन में व्यय की सीमा केवल नगरपालिक निगम के महापौर, नगरपालिका परिषद तथा नगर परिषद के अध्यक्ष पद के अभ्यर्थियों के लिये ही निर्धारित है। अत: पेड-न्यूज के प्रावधान केवल इन्हीं पर लागू होंगे। आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग आर. परशुराम ने जिला कलेक्टर्स को पेड-न्यूज के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
श्री परशुराम ने कहा है कि पेड-न्यूज के प्रावधानों का उद्देश्य निर्वाचन के दौरान प्रचार-प्रसार में पारदर्शिता लाना, धन एवं बाहुबल की किसी भी निर्णायक भूमिका पर अंकुश लगाना और सभी अभ्यर्थियों के लिये एक समान अवसर उपलब्ध करवाना है। जिससे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन सम्पन्न हो सके।
पेड-न्यूज की मॉनीटरिंग के लिये जिला एवं राज्य-स्तर पर मीडिया प्रमाणीकरण एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) का गठन किया जायेगा। जिला-स्तरीय समिति में कलेक्टर अथवा उसके द्वारा मनोनीत अपर कलेक्टर अथवा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अध्यक्ष होंगे। जिला मुख्यालय के नगरीय निकाय का सहायक रिटर्निंग ऑफिसर, कलेक्टर द्वारा मनोनीत निष्पक्ष प्रतिष्ठित नागरिक तथा निष्पक्ष पत्रकार सदस्य होगा। समिति के सदस्य सचिव जिला जनसंपर्क अधिकारी होंगे।
राज्य-स्तरीय समिति के अध्यक्ष, सचिव राज्य निर्वाचन आयोग होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आम चुनाव के लिये नियुक्त एक प्रेक्षक, आयोग द्वारा मनोनीत निष्पक्ष प्रतिष्ठित नागरिक, आयोग द्वारा मनोनीत निष्पक्ष वरिष्ठ पत्रकार और समिति द्वारा सहयोजित एक विशेषज्ञ सदस्य होंगे। आयुक्त जनसंपर्क द्वारा मनोनीत अपर/संयुक्त संचालक जनसंपर्क सदस्य सचिव होंगे।
पंजीकृत राजनैतिक दल एवं अभ्यर्थी को प्रस्तावित प्रकाशन और प्रसारण की अनुमति के लिये जिला-स्तरीय समिति में निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा। राजनैतिक दल एवं अभ्यर्थी को प्रसारण के 3 दिन पूर्व तथा अपंजीकृत राजनैतिक दल एवं अन्य आवेदक को 7 दिन पूर्व आवेदन करना होगा। समिति दो दिन में आवेदन का निराकरण करेगी। किसी व्यक्ति या प्रेक्षक से प्राप्त शिकायत की जाँच कर समिति अपना प्रतिवेदन संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर को देगी। रिटर्निंग अधिकारी संबंधित अभ्यर्थी को नोटिस भेजेगा, जिसका जवाब 48 घंटे के भीतर देना अनिवार्य होगा। जवाब निर्धारित समय पर नहीं देने पर एक-तरफा कार्यवाही की जायेगी। इसके तहत संबंधित विज्ञापन को डीपीआर/डीएवीपी की दर के आधार पर कल्पित व्यय राशि की गणना करते हुए इसे अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में शामिल किया जायेगा। समिति राजनैतिक दल एवं अभ्यर्थी द्वारा प्रकाशित प्रचार सामग्री की भी जाँच करेगी। समिति स्व-प्रेरणा से भी संदिग्ध पेड-न्यूज एवं प्रसारण की जाँच कर सकती है।
जिला-स्तरीय समिति द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध अभ्यर्थी निर्णय प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर अपील राज्य-स्तरीय समिति में कर सकता है। राज्य-स्तरीय समिति अपील प्राप्त होने के 96 घंटे के भीतर उसका निराकरण करेगी। राज्य-स्तरीय समिति के आदेश के विरुद्ध अभ्यर्थी निर्णय प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर अपील राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष कर सकेगा। राज्य निर्वाचन आयोग का निर्णय अंतिम होगा।