दस दिवसीय जल-महोत्सव हनुवंतिया का आज शाम समापन हुआ। उल्लास, उमंग और उत्सवी माहौल में दूर-दूर से आये सैलानियों ने जल-महोत्सव में भागीदारी की और नर्मदा बेकवाटर से प्राकृतिक रूप से निर्मित टापुओं की सैर की।
राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा आयोजित प्रथम जल-महोत्सव अपने उददेश्यों में सफल रहा है। इंदिरा सागर बाँध के बेकवाटर से बने टापुओं और लगभग निर्जन स्थानों से पर्यटक परिचित हुए वहीं हनुवंतिया टूरिस्ट कॉम्पलेक्स की पहचान स्थापित हुई है। दूर-दूर से आये पर्यटकों ने इस स्थान को अदभुत, अत्यन्त सुन्दर, मनोरम और सुकून देने वाला पर्यटक-स्थल बताया। दूर-दूर तक भरा ‘नीलाभ’ पानी का अकूत भंडार किसी बड़ी जल राशि का आभास देता है।
पर्यटकों ने जहाँ बैलगाड़ी से सैर का आंनद उठाया वहीं पतंगबाजी, पैरासेलिंग और वाटर स्कूटर जैसी साहसिक गतिविधियों में उत्साह से भाग लिया। जल-महोत्सव में रोजाना शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति हुई। निमाड़-मालवा अंचल की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर इन कार्यक्रम के जरिये सजीव हो उठी।
पर्यटकों ने हनुवंतिया से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित बोरियामाल, मेल टापू की मोटर बोट एवं जलपरी से सैर की । सैलानियों ने रेवा क्रूज की सवारी भी की। रविवार का दिन होने से आज पर्यटकों की आवाजाही अधिक रही। राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक, सचिव मुख्यमंत्री एवं पर्यटन निगम के एमडी श्री हरिरंजन राव सहित निगम की टीम ने समापन दिवस तक व्यवस्थाओं की स्वयं देखरेख की। जल महोत्सव को सफल बनाने के लिए निगम की ओर से सभी संबंधित का आभार व्यक्त किया गया है।