भोपाल। मध्यप्रदेश में इस वर्ष 26 लाख 6 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता का रिकार्ड संग्रहण किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे गये इस तेंदूपत्ता के लिये प्रदेश के 31 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक को मात्र दो माह में एक अरब 95 करोड़ 45 लाख रुपये का भुगतान मजदूरी के रूप में किया गया है।

वन मंत्री श्री सरताज सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि तेंदूपत्ता संग्रहण के लिये समय पर मजदूरी के भुगतान के साथ ही तेंदूपत्ता की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जा रहा है। संग्राहकों की मजदूरी दर में भी लगातार इजाफा किया जा रहा है। प्रदेश में वर्ष 2009 में प्रति मानक बोरा संग्रहण दर 550 रुपये, वर्ष 2010 और 2011 में 650 रुपये थी, जो अब बढ़कर 750 रुपये प्रति मानक बोरा हो गई है।

तेंदूपत्ता संग्रहण से एक करोड़ 12 लाख 19 हजार 975 मानव दिवस रोजगार कर सृजन हुआ है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहाँ लघु वनोपज व्यवसाय से होने वाली सम्पूर्ण शुद्ध आय प्राथमिक सहकारी वनोपज समितियों को उपलब्ध करवाई जा रही है। संग्रहण की शुद्ध आय का 60 प्रतिशत भाग संग्राहकों को उनके द्वारा संग्रहीत मात्रा के अनुपात में प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में नगद भुगतान किया जाता है। इसके अतिरिक्त 20 प्रतिशत भाग वनों के पुनरोत्पादन पर और शेष राशि सहकारी समितियाँ अपने गाँव की मूलभूत सुविधाओं के विकास पर व्यय करती हैं।

मात्रालाख मानक बोरा में राशि-करोड़ रुपये में

संग्रहण वर्ष

संग्रहण दर(रुपये प्रति मानक बोरा)

 कुलगोदामीकृत मात्रा

संग्रहणमजदूरी की राशि

2009

550

20.49

112.69

2010

650

21.24

138.06

2011

650

17.06

110.89

2012

750

26.06

195.45

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