ग्‍वालियर, दिसंबर 2012/ ग्वालियर में 88वाँ तानसेन संगीत समारोह इस बार तानसेन समाधि परिसर हजीरा में आंशिक स्थान परिवर्तन के साथ आयोजित किया जायेगा। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया द्वारा इस संबंध में सहमति दे दी गयी है। संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने प्रतिष्ठित तानसेन संगीत समारोह को पूरी गरिमा से आयोजित किये जाने के निर्देश दिये हैं। समारोह का शुभारंभ 14 दिसम्बर को होगा।

समारोह के शुभारंभ पर बनारस घराने के सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पं. राजन-साजन मिश्र को राष्ट्रीय तानसेन सम्मान वर्ष 2011-12 दिया जायेगा। सम्मान स्वरूप उन्हें 2 लाख रुपये की सम्मान-राशि एवं प्रशस्ति-पटि्टका भेंट की जायेगी। सम्मान समारोह में ही पं. राजन-साजन मिश्र का शास्त्रीय गायन होगा। इसी दिन माधव संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर का ध्रुपद गायन, श्री रामदास पलसुले, पुणे का तबला वादन, सुश्री मधु भट्ट तेलंग, जयपुर का ध्रुपद गायन एवं कोलकाता की सुश्री संगीता वंधोपाध्याय का गायन होगा।

तानसेन समारोह के दूसरे दिन प्रातःकालीन सभा में शंकर गांधर्व संगीत महाविद्यालय एवं भारतीय संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर के विद्यार्थियों द्वारा ध्रुपद गायन किया जायेगा। इस मौके पर सुश्री रंजना टोपणे, ग्वालियर का गायन, सुश्री पद्मा विश्वरूप, भोपाल द्वारा विचित्र वीणा-वादन की प्रस्तुति दी जायेगी। इसी सत्र में सुश्री सोमबाला सातले कुमार, खैरागढ़ की ध्रुपद गायन की प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम में भोपाल की सुश्री श्रुति अधिकारी का संतूर-वादन एवं सुश्री सुधा रघुरामन का गायन होगा। दूसरे दिन की संध्याकालीन संगीत सभा में भोपाल ध्रुपद केन्द्र एवं तानसेन संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर के विद्यार्थी ध्रुपद गायन की प्रस्तुतियाँ देंगे। दिल्ली की सुश्री विद्या शाह का शास्त्रीय गायन एवं सुश्री निर्मल्य डे का ध्रुपद गायन एवं जयपुर के श्री अश्विन दलवी का सितार-वादन एवं सभा के अंत में दिल्ली की सुश्री सुमित्रा गुहा शास्त्रीय गायन होगा।

समारोह के तीसरे दिन प्रातःकालीन सभा में ध्रुपद केन्द्र, ग्वालियर के विद्यार्थी ध्रुपद गायन, दिल्ली के श्री लोकेश आनंद एवं उनके साथियों द्वारा शहनाई-वादन की प्रस्तुतियाँ दी जायेगी। इसी दिन की संगीत सभा में ग्वालियर के श्री उमेश कम्पू वाले का गायन, गुड़गाँव के श्री रणधन रामनाथ का ध्रुपद गायन, लखनऊ के श्री नरेन्द्र नाथ धर का सरोद-वादन एवं सभा के अंत में अहमदाबाद के श्री महेन्द्र डी टोके अपने गायन की प्रस्तुति देंगे। संगीत सभा के तीसरे दिन की सांध्यकालीन संगीत सभा में महारुद्र मण्डल संगीत महाविद्यालय की ओर से ध्रुपद गायन, मैहर वाद्य-वृंद की प्रस्तुति, पुणे की सुश्री प्रियदर्शिनी कुलकर्णी का गायन, वाराणसी के श्री पल्लव दास का ध्रुपद गायन, मुम्बई के ध्रुव घोष का सारंगी-वादन एवं संगीत सभा के अंत में पुणे के पं. रघुनंदन फणशीकर शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे।

समारोह के आखिरी दिन बेहट में प्रातःकालीन सभा में साधना संगीत कला केन्द्र, ग्वालियर का ध्रुपद गायन, तानसेन स्मारक ध्रुपद केन्द्र, बेहट के कलाकार ध्रुपद गायन की प्रस्तुति देंगे। ग्वालियर के पण्डित शंकर का गायन, देवास के श्री भुवनेश कोमकली का गायन, ग्वालियर के श्री यमुनेश नागर का पखावज-वादन होगा। इस दिन की संगीत सभा के अंत में पुणे के श्री सत्यशील देशपाण्डे द्वारा शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी जायेगी। तानसेन समारोह की सभी सभाएँ प्रातः 10.30 से शुरू होगी एवं सांध्यकालीन सभाएँ शाम 6 बजे से होगी। कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क रखा गया है।

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