भोपाल: स्कूल के शिक्षकों के लिए यह खबर बहुत राहत वाली है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि तबादलों के दौरान शिक्षकों की पसंद का ध्यान रखा जाए और तबादला नीति को वैज्ञानिक और तर्कसंगत तरीके से बनाया जाए। मध्यप्रदेश में शत प्रतिशत बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने और अभिभावकों को प्रेरित करने के लिये मुख्यमंत्री खुद राज्य का दौरा करेंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की समग्र योजना बनायी जाय। शिक्षकों को स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाय। स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति के लिये सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाय। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस, राज्य मंत्री नानाभाऊ मोहोड़, मुख्य सचिव आर.परशुराम भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक 5 किलोमीटर की परिधि में हाई स्कूल की उपलब्धता जरूरी है। केन्द्र सरकार द्वारा इस वर्ष प्रदेश में किसी भी नए हाई स्कूल की मंजूरी न देने पर चिंता जताते हुए श्री चौहान ने कहा कि इस संबंध में उनकी ओर से केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र भेजा जाये। स्कूल भवनों के निर्माण की सतत मानीटरिंग हो ताकि समयसीमा में काम पूरे हो सकें। स्कूल भवनों के निर्माण में समाजसेवियों के योगदान को प्रेरित किया जाये। निजी विद्यालयों की फीस नियंत्रण अधिनियम के संबंध में गुजरात और दिल्ली में हुए काम का अध्ययन करवाया जाये। प्रदेश के बच्चे प्रतिस्पर्धा में आगे आयें, इसलिये अंग्रेजी शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी जून माह में शुरू हो रहे स्कूल चले हम अभियान को जन अभियान बनाएं। राज्य और संभाग स्तर के अधिकारी दौरे के समय स्कूलों का निरीक्षण करें। संविदा शिक्षकों की भर्ती “स्कूल चलें हम’ अभियान शुरू होने के पहले कर ली जाये। राज्य शिक्षा सेवा के गठन की कार्रवाई  समयसीमा में पूरी हो।

बैठक में बताया गया कि स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आई.टी. बेस्ड व्यवस्था लागू की होगी। राज्य में विद्यार्थियों को साइकिल और गणवेश बांटने के काम का आकलन यूनिसेफ द्वारा करवाया जा रहा है। सर्व शिक्षा अभियान में एक करोड़ एक लाख 73 हजार विद्यार्थियों को गणवेश और पाठ्य-पुस्तकें बांटी गई हैं। साथ ही 3 लाख 65 हजार 519 साइकिलें दी गई हैं। बैठक में प्रमुख सचिव वित्त अजयनाथ, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा संजय सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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