भोपाल, सितंबर 2013/ राज्य शासन ने राज्य के सभी चिकित्सा, दन्त चिकित्सा, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथिक महाविद्यालयों तथा उनसे संबद्ध अस्पतालों और सभी स्तर के शासकीय चिकित्सालयों और औषधालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों तथा स्वास्थ्य शिक्षा संस्थानों को अत्यावश्यक सेवाओं के अन्तर्गत सेवा से इंकार किये जाने से प्रतिषेध किया है। यह प्रतिषेध 12 जुलाई 2013 से तीन माह के लिये किया गया है। राज्य शासन ने यह कदम मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विछिन्नता निवारण अधिनियम 1979 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग लाते हुए उठाया है।