भोपाल, अप्रैल 2015/ रबी विपणन वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी की जा रही है। प्रदेश के कई जिलों में असमय वर्षा तथा ओले के प्रकोप होने से गेहूँ की चमक प्रभावित हुई है। इस संबंध में शासन द्वारा किसानो के हित में निर्णय लेते हुए निर्देश जारी किये है कि गेहूँ के एफ.ए.क्यू स्पेसिफिकेशन में किसानो को छूट प्रदान की जाये सिकुडे एवं टुटे दाने में छूट की मात्रा 6 प्रतिशत से बढाकर 10 प्रतिशत की गई है। 40 प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूँ उपार्जन के तहत क्रय किया जा सकेगा।
यह छूट क्रय किए जाने वाले गेहूँ में मात्र सिकुडे़ एवं टूटे दाने तथा चमकविहीन के लिए दी गई है, इसमें से सिकुडे़ एवं टूटे दाने का अपग्रेडेशन किसान द्वारा सरलता से छलना लगाकर किया जा सकता है। अतएव जहॉ गेहूँ को पंखा एवं छनना लगाने के उपरान्त अपगेड किया जा सकता है, वहॉ यह सुविधा मण्डी तथा समिति स्तर पर किसानो को दी जाकर गेहूँ एफएक्यू स्तर तक लाने के लिए निर्देश जारी किये गये है।
समर्थन मूल्य के रिलेक्स्ड मापदण्ड अंतर्गत 10 प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूँ के बोरों में अंग्रेजी अक्षर वाय और सिकुडे़ एवं टूटे दाने 6 प्रतिशत से अधिक एवं 10 प्रतिशत तक तथा चमकविहीन गेहूँ 10 से 40 प्रतिशत तक के गेहूँ के बोरों पर अंग्रेजी अक्षर जेड मार्क लगाया जायेगा। बोरो पर मार्क लगाने का कार्य गेहूँ खरीदी करने वाली संस्थाओं द्वारा किया जावेगा। ऐसे चिन्हाकित बोरियों का परिवहन सामान्य बोरियों से प्रथक किया जाएगा जिससे इनका भण्डारण अलग स्टॉक में हो । उपार्जन एजेसिंयों द्वारा इसका स्पष्ट हिसाब भी रखा जाकर उपार्जन प्रतिवेदन में प्रतिवेदित किया जाएगा।